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Assam: पुलिस पर मारपीट का आरोप-''हम लोगों को कपड़े उतरवाकर पीटा''

पीड़ित ने बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी.

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असम (Assam) के एक पर्यटन उद्यमी ज्ञानदीप बोरगोहेन पर पुलिस अधिकारी ने अपनी पत्नी को छेड़ने का आरोप लगाते हुए मारपीट की. उन्होंने बताया कि जब हम 7 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के जीरो फेस्टिवल ऑफ म्यूजिक (Zero Festival Of music) में टूरिस्ट कैंप (Tourist camp) करके लौट रहे थे, तो मेरे और मेरी टीम के साथ मारपीट की गई. 8 अक्टूबर को मुझ पर और मेरी टीम पर मोरन पुलिस ने हमला किया. मोरन पुलिस प्रभारी बिजॉय दैमारी ने हम पर अपनी पत्नी को छेड़ने का आरोप लगाया था.

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घटना में पीड़ित पर्यटन उद्यमी ज्ञानदीप बोरगोहेन ने कहा कि 15 मिनट के बाद अधिकारी ने असमिया में कहा कि क्या आपको मेरी पत्नी के अलावा और कोई महिला छेड़ने के लिए नहीं मिली? इस पर हम चौंक गए!

टूरिज्म आंत्रप्रेनर ज्ञानदीप बोरगोहेन ने सिटिजन जर्नलिस्ट के रूप में असम में पुलिस अत्याचारों के मुद्दे को उजागर किया.
हमारे फोन छीन लिए गए, आधे घंटे के अंदर हमें मोरन थाने ले जाया गया. दो-तीन सेकंड के लिए पिन-ड्रॉप साइलेंस था. मैंने सबसे पहले जाकर पूछा 'क्या हम जान सकते हैं, हम यहां क्यों हैं'. जवाब में उसने मेरे प्राइवट पार्ट पर लात मारी.
ज्ञानदीप बोरगोहेन, पर्यटन उद्यमी/पीड़ित

उन्होंने आगे बताया कि 10-15 मिनट तक अधिकारी, उसका ड्राइवर और वहां मौजूद अन्य पुलिस अधिकारी सभी ने मेरी सात सदस्यों की टीम को पीटते रहे. वे हमारी कमर, छाती और टांगों के बीच मार रहे थे. वो दोनों हाथों से हमारे साथियों के कानों पर जोर से मार रहे थे.

पीड़ित ने बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी.

"मेरी टीम के सदस्यों को पुलिस ने शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया"

(फोटो: ज्ञानदीप बोरगोहेन)

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पीड़ित ने बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी.

"मेरी टीम का एक सदस्य शारीरिक रूप से प्रताड़ित होने के बाद अस्पताल में था."

(फोटो: ज्ञानदीप बोरगोहेन)

पीड़ित ने बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी.

टीम का एक अन्य घायल सदस्य

(फोटो: ज्ञानदीप बोरगोहेन)

ज्ञानदीप बोरगोहेन ने आगे बताया कि मैंने अपराध के सीसीटीवी फुटेज की मांग की. इसके बाद घटना से संबंधित महिला को हमें पहचानने के लिए बुलाया गया और उसने इनकार किया कि वो लोग हम नहीं थे.

महिला के द्वारा पहचानने से मना करने के बावजूद हमें लाइन में खड़ा किया गया और पुलिस हमें लगातार पीट रही थी. पुलिस ने मेरी टीम को पैंट उतारने के लिए कहा, उन्होंने मेरी टीम को नंगा कर दिया और पूरी घटना को फिल्माया.
ज्ञानदीप बोरगोहेन, पर्यटन उद्यमी/पीड़ित
पीड़ित ने बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी.

हमले के बाद घायल ज्ञानदीप का दोस्त

(फोटो: ज्ञानदीप बोरगोहेन)

उन्होंने आगे बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी. मेरी टीम के कुछ जूनियर, कुछ पहचान के लोग (पुलिस स्टेशन) आए. लोग थाने में आने लगे, पुलिस वाला दबाव में था और भावुक हो गया था. वह कह रहा था कि उसे ज्यादातर चीजें याद नहीं हैं. उसे नहीं पता उसने क्या किया क्योंकि वह (पिछली रात) नशे में था.

पीड़ित ने बताया कि मुझे अधिकारी ने कोर्ट नहीं जाने और कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी.

"मेरी टीम का एक सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गया था"

(फोटो: ज्ञानदीप बोरगोहेन)

ज्ञानदीप बोरगोहेन ने बताया कि इसके बाद हमें समझौता करने के लिए कह रहा था. उसने कहा कि आपका करियर दांव पर लग सकता है. उसने मुझसे कहा कि मैं किसी अदालत में न जाऊं और न ही कोई शिकायत करूं

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घटना के बाद दिखा आक्रोश

9 अक्टूबर को मोरनघाट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद विभागीय जांच की जा रही है. पुलिस अधिकारी बिजॉय दैमारी को एक और अधिकारी के साथ निलंबित कर दिया गया है.

क्विंट ने पुलिस अधीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की, उनके जवाब का इंतजार है.

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