हमारे घर में हम पिता को कर्ता पुरुष मानते हैं, क्यों? इसकी वजह आप को भी पता है, क्योंकि वह हमारे घर का जिम्मा उठातें हैं. इस समाज में हमारी रक्षा करतें हैं, हमारी खुशी के लिए अपनी खुशी त्याग देते हैं. बिल्कुल उसी तरह आप भी हमारे लिए, देश के लिए, अपने वतन के लिए निस्वार्थ जान की बाजी लगाने तैयार रहते हैं. सतर्क रहतें हैं.
बचपन से हमसे ये पूछा जाता है कि हमें आगे जाकर क्या करना है. हर किसी को अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, सीए बनाना है. लेकिन आपके मां बाप, घर परिवार और आपको हमारा सलाम जिन्हें वो मानसिक और शारीरिक रूप से अपने देश का जवान बनाना चाहते हैं.
हम हमेशा ये कोशिश करेंगे कि आप लोगों को सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को याद न किया जाए बल्कि आपके लिये हमारे दिल में हमेशा प्यार, सम्मान, बरकार रहें.
आप के लिए कुछ पंक्तियां-
आज हम सब अपने में ही मगन हैं, पर
इस देश को सुरक्षित रखने में इनकी लगन हैं
भले ही हम कितना भी कहें, हम सब एक ही धर्म के हैं
पर दंगे फसाद मैं में ये हिन्दू मुसलमान में नही करतें हैं भेदभाव,
अब तक हम मसले ही ढूंढ रहें हैं
पर आपके बुलंद हौसले आसमान चूम रहें हैं
- अक्षता शेटकर
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