स्टोरीबोर्ड और एनिमेशन: कुणाल मेहरा
इलस्ट्रेटर: अरूप मिश्रा
कंसेप्ट: ज़िजाह शेरवानी
युद्ध के मैदान में रहते हुए सैनिक अपने परिवारों से कैसे संपर्क करते हैं? महीनों तक दूर रहने वाले सैनिक अपने परिवार से कैसे बात करते हैं? घर से दूर और मुश्किल हालातों को झेलते वक्त, एक खत इन जवानों को कितना सुकून पहुंचाती होगी, उन तक जरूरी ऊर्जा पहुंचाती होगी!
शहीदों के परिवारों के लिए, ये खत स्मृति चिन्ह हैं जो हमारे बहादुर नायकों को शहादत के बाद भी जीवित रखते हैं. द क्विंट का ‘With Love, घर से’ इन भावनात्मक आदान-प्रदान के मीठे लम्हों की जिंदादिली को बनाए रखने की तरफ एक कोशिश है.
कैप्टन विजयंत थापर, मेजर सीबी द्विवेदी, कैप्टन विक्रम बत्रा, मेजर अक्षय गिरीश, और नाइक दीपचंद के लिए परिवार के सदस्यों के ओर से लिखे खत बताते हैं कि मीलों दूर रहने के बावजूद फौजियों का उनके घरों से रिश्ता कितना मजबूत रहा, लोहे की तरह.
स्वतंत्रता दिवस का मौका, सेना के जवानों की कुर्बानियों का कर्ज चुकाने का समय है. आप इन सैनिकों को चेहरे से नहीं जानते होंगे, लेकिन आप उन्हें बता सकते हैं कि आप उनका कितना सम्मान करते हैं, उन्हें महत्व देते हैं और उनके लिए महसूस करते हैं.
द क्विंट आपको ‘संदेश टू सोल्जर’ लिखने और रिकॉर्ड करने का मौका दे रहा है - उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का मौका, जिनसे आप कभी नहीं मिले.
क्या आपके पास है हमारे फौजियों के लिए कोई संदेश? वीडियो, ऑडियो या टेक्स्ट के जरिये भेजिए ‘संदेश टू सोल्जर’. आप हमें myreport@thequint.com पर ईमेल या 9999008335 पर WhatsApp कर सकते हैं.
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