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Video | 'लॉकडाउन में भूखा रहा, इसलिए अब चलाता हूं हंगर-लंगर'

इस स्टाल के मालिक शिवम सोनी ने 'किफायती खाने' के पीछे की वजह बताई.

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इंदौर में एक खास फूड स्टाल चल रहा है जिसका नाम है हंगर-लंगर और ये स्टॉल महंगाई के इस जमाने में सिर्फ 30 रुपये में लोगों की भूख मिटा रहा है. इस स्टाल के मालिक शिवम सोनी ने लॉकडाउन के दौरान भोजन के संकट का सामना किया और वहीं से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने गरीबों के लिए कम कीमत पर भोजन कराने के उद्देश्य से ये हंगर-लंगर शुरू किया है.

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आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद 23 साल के शिवम को सागर में अपना बिजनेस और घर दोनों बेचना पड़ा. मार्च 2020 में शिवम को इंदौर की बस दिखी. एक नई उम्मीद की आस में, शिवम उस बस पर चढ़ गए.

'इंदौर के लोगों के लिए कुछ करने की आस'

स्टाल के मालिक शिवम सोनी का कहना है कि-

खाने पीने की परेशानी देखने के बाद मुझे लगा कि मुझे इंदौर के लोगों के लिए कुछ करना चाहिए. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने हंगर लंगर की शुरुआत की है. नौकरी से 20-30 हजार रुपये जोड़कर मैंने हंगर-लंगर की शुरुआत की है. हंगर लंगर में हम बिल्कुल कम कीमत पर खाने की चीजें देते हैं. हर गुरुवार हम फ्री लंगर भी चलाते हैं. इसमें हमने ये तय किया है कि जिसके पास जितना पैसा हो वो उतना दे दे और जिसके पास पैसे नहीं हैं वो फ्री में खाना खा सकता है.
शिवम सोनी, हंगर लंगर के मालिक

'लॉकडाउन में समझ आया कि भूख क्या चीज होती है'

हंगर लंगर के मालिक शिवम बताते हैं कि 'लॉकडाउन से पहले उनका मध्य प्रदेश के सागर जिले में ही स्टेट 16 नाम से ही एक रेस्टोरेंट और टिफिन सेंटर में नुकसान हो जाने के कारण मैं सब कुछ छोड़कर मैं इंदौर चला आया. लेकिन मुझे नहीं पता था कि लॉकडाउन लग जाएगा. तभी लॉकडाउन लग गया और मुझे खाने पीने की बड़ी परेशानी हुई. मुझे सड़क पर सोना पड़ा. मुझे इंदौर में लोगों ने काफी सहयोग किया. इसके बाद मैंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी ढूंढी और फिर मैंने काम किया.'

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'कर्ज की वजह से मकान तक बेचना पड़ा'

नवंबर 2020 के बाद शिवम की जिंदगी में आए कई बदलाव. शिवम बताते हैं कि अब वो 'रोज सुबह साढ़े चार बजे उठकर सब्जी, सामान लेकर आता हूं और हम फूड आइटम तैयार करते हैं. फिर लोगों को सर्व करते हैं. इस लंगर को खड़ा करने में मेरे भाई, मां, मेरे दोस्तों ने बड़ा योगदान दिया. मुझ पर इतना कर्ज हो गया था. इसकी वजह से मेरे परिवार को घर बेचना पड़ा. इन्हीं सब चीजों से मुझे प्रेरणा मिली कि मुझे हार नहीं मानना है. '

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