वीडियो: दीप्ती रामदास
इस साल झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमिशन (JSSC) ने अपनी फीस 460 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए कर दी जिससे कई छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
मैंने कई छात्रों से बात की है, जिन्होंने JSSC की परीक्षा के लिए अप्लाई किया था और सभी छात्रों ने फॉर्म की फीस पर नाराजगी जताई है.
“हम हमारा घर इतने में चलाते हैं. हम फिर यहां पढ़ने आए, लेकिन अब फीस 1000 रुपए हो गई. कहां से लाए हम 1000 रुपए?”सुनील सुमन, आवेदक
यहां तक कि राज्य में कोई भी परीक्षा फॉर्म इतना महंगा नहीं मिलता है.
छात्रों की नाराजगी का कारण ये भी है कि झारखंड एक गरीब राज्य है. यहां छात्र इंजीनियरिंग या मेडिकल परीक्षाओं के लिए तैयारी नहीं कर सकते इसलिए वो जनरल कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.
ज्यादातर छात्र गांव और कस्बों से आते हैं और बहुत गरीब हैं. यही कारण है कि वो सरकार के इस कदम से काफी नाराज हैं
4 साल पहले जब ये परीक्षा हुई थी तब प्रशासन ने उसे रद्द कर दिया. 2015 में रिजल्ट आए लेकिन सरकार ने उस रिजल्ट को मान्यता नहीं दी.
इतने सालों बाद परीक्षा होने जा रही है तो फीस बढ़ा दी गई
छात्रों की ये भी एक शिकायत है कि सरकार अमर बौरी कमिटी को लागू करने पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. इसमें दो सिफारिशें थीं. पहला- झारखंड के सभी 35-45 साल के लोग परीक्षा में बैठ सकते हैं. दूसरा- सभी स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए. कई छात्रों का सोचना है कि ये फीस इसलिए भी बढ़ाई गई है क्योंकि अब विधानसभा चुनाव करीब हैं.
झारखंड के रहने वाले मनोज यादव ने भी इस परीक्षा के लिए आवेदन दिया उनका कहना है कि-
“मैं जानता हूं कि सरकार ने ये पैसे चुनाव के कारण बढ़ाए हैं. लाखों लोग फॉर्म भरेंगे. सबसे बुरी बात ये है कि इस परीक्षा की कोई गारंटी नहीं है कि ये होगी भी या नहीं. यही पिछली बार यानी 4 साल पहले भी हुआ था.”
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