वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
वीडियो प्रोड्यूसर: आस्था गुलाटी
बस डिपो बनाने के लिए नवंबर में अहमदाबाद स्थित गीता मंदिर बस स्टेशन के पास, 400 साल पुराना मुगलों के जमाने का बना हुआ दरवाजा ढहा दिया गया. उस जगह पर पिछले 3 महीने से कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है.
एक प्राइवेट बिल्डर को अहमदाबाद नगर निगम और गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने कंस्ट्रक्शन का काम सौंपा, उनका कहना है कि ये दरवाजा प्लान के मुताबिक गिरा दिया गया.
जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैंने प्रधानमंत्री के ऑफिस और मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद अहमदाबाद नगर निगम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जरूरी कदम उठाए.
AMC (अहमदाबाद नगर निगम) ने बिल्डर का लाइसेंस रद्द कर दिया है और कंस्ट्रक्शन साइट को सील कर दिया है, लेकिन इस काम में भी बहुत देरी की गई.
ये पहली बार नहीं हुआ है
अहमदाबाद देश का पहला ऐसा शहर है जिसे 'वर्ल्ड हेरिटेज सिटी' का खिताब मिला है, ऐसे कई मामले हुए हैं, जहां राष्ट्रीय धरोहर को नुकसान पहुंचाया गया है.
- पहला मामला ब्रिक मीनार का है जो कालुपर रेलवे स्टेशन के पास है और वहां कंस्ट्रक्शन चल रहा था. मैंने उस मामले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. मैंने उसके लिए भी गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, मैंने दोनों केस द क्विंट के MY रिपोर्ट में रिपोर्ट भी किए.
हमारी सरकार को राष्ट्रीय धरोहर बचाने और सुधारने का काम करना चाहिए न की उन्हें नुकसान पहुंचाए या उन्हें खत्म करे. अहमदाबाद की सिविल बॉडी को याद दिलाना होगा कि एंशियेंट मॉन्यूमेंट एंड अर्कियोलॉजिकल साइट के नियमों को अनदेखना नहीं करना चाहिए. ऐसे मामलों में उन्हें गंभीरता दिखानी चाहिए.
AMC ने द क्विंट के सवालों का दिया जवाब
अहमदाबाद नगर पालिका के हेरिटेज डिपार्टमेंट के सूत्र ने द क्विंट को बताया है कि जो दरवाजा ढहाया गया है वो गैर कानूनी था और इसके लिए कोई निर्देश नहीं दिए गए थे. AMC इस चीज के लिए गुजरात हाई कोर्ट में लड़ रही है.
जब तक इस मामले में कोर्ट का ऑर्डर नहीं आ जाता, तब तक कंस्ट्रक्शन शुरू नहीं होगा.
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