रविवार सुबह भारतीय वायुसेना द्वारा काबुल एयरपोर्ट से निकाले जाने पर, अफगानिस्तान अल्पसंख्यक सांसद नरिंदर सिंह खालसा (Narinder Singh Khalsa) भारतीय प्रेस से बात करते हुए रो पड़े.
जब एक पत्रकार ने पूंछा कि एक सांसद के रूप में अपना ही देश छोड़ने के बारे में उन्हें कैसा लग रहा है. तब, सिंह ने आंसू बहाते हुए कहा, "यही बात मुझे रुला रही है". उनकी बेबसी उनके चेहरे पर साफ तौर पर देखी जा सकती थी.
भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान ने रविवार को काबुल से 168 लोगों को निकाला, जिसमें से 107 भारतीय नागरिक थे और बाकी नरिंदर सिंह जैसे अफगान हिन्दू और सिख थे.
“हमने अफगानिस्तान में इस तरह की स्थिति कभी नहीं देखी और अब जब हम इसे देख रहे हैं, तो सब कुछ खत्म हो चुका है. पिछले 20 साल में बनी सरकार भी खत्म हो गई है. अब सब कुछ जीरो है.”नरिंदर सिंह
मिस्टर सिंह उन 72 अफगान सिखों और हिंदुओं के समूह में, अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दो सांसदों में से एक थे. जिन्हें तालिबान ने शनिवार को भारतीय वायुसेना के एक विमान में चढ़ने से रोक दिया था और काबुल हवाई अड्डे से लौट गए थे.
बता दें 15 अगस्त को तालिबान (Taliban) ने काबुल पर कब्जा कर लिया था. इस दौरान वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर चले गए थे. इस बीच बड़ी संख्या में भारतीय अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं, जिन्हे निकालने की कोशिश की जा रही हैं. तालिबान के कब्जे के बाद बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान से लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
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