अलीगढ़ (Aligarh) के थाना महुआ खेड़ा इलाका स्थित सांगवान सिटी में रह रहे दलित समाज के लोगों ने अपने घर के बाहर "यह मकान बिकाऊ है" और "दलित उत्पीड़न से पलायन को मजबूर" के नाम से पोस्टर लगाए हैं. उनका आरोप है कि उनके साथ हुए उत्पीड़न के चलते वे यह सब करने के लिए मजबूर हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया.
सांगवान सिटी में दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन करना था लेकिन मैनेजमेंट की तरफ से इजाजत नहीं दी गई. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि जब भंडारे के लिए टेंट लगाया गया तो मैनेजमेंट के इशारे पर गार्ड ने टेंट को हटा दिया.
इस पूरे मामले पर एसपी ने बताया कि, सांगवान सिटी में एक वर्ग विशेष के व्यक्तियों द्वारा कॉलोनी के मैनेजमेंट पर आरोप लगाया गया कि अंबेडकर जयंती पर उन्हें एक कार्यक्रम करना था लेकिन मैनेजमेंट की तरफ से उनके लिए कोई जगह निर्धारित नहीं की गई जिसके चलते विवाद उत्पन्न हो गया था. लेकिन मौके पर पुलिस ने पहुंच कर जानकारी जुटाई है और समस्या का निराकरण करने की कोशिश भी की जा रही है.
कॉलोनी के मैनेजमेंट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में अनिता नाम की महिला ने कहा कि "ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पीएम सीएम हर कोई मनाता है लेकिन हमें कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी गई. आज भी जातिवादी मानसिकता दिमाग में बैठी हुई है. लेकिन संविधान हमें इस तरह के कार्यक्रम करने का हक देता है."
इस मामले में दलित समाज के लोगों ने डीएम, सीएम और पीएम को भी पत्र लिखे हैं. दलित परिवारों की उत्पीड़न की सूचना पर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचकर प्रशासन से न्याय की मांग की है.
वहीं सांगवान सिटी के डायरेक्टर नरेंद्र सांगवान का कहना है कि सांगवान सिटी में हर वर्ग के लोग रहते हैं. सभी को समान सुविधाएं दी जा रही हैं. सोची समझी साजिश के तहत मकान बेचने के बैनर लगाए गए हैं.
इनपुट क्रेडिट- मुकेश गुप्ता
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