बलूच समूह - बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि उसने बुधवार रात पाकिस्तान के फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) के नोशकी और पंजगुर शिविरों पर किए गए दो बड़े हमलों में लगभग 170 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों को मार गिराया है।
शुक्रवार की सुबह, शुरूआती हमले के 36 घंटे से अधिक समय बाद, बीएलए ने कहा कि उसने एफसी के पंजगुर शिविर पर कब्जा करना जारी रखा है, जहां उसने ऑपरेशन में अपने तीन लड़ाकों को खोने के साथ 100 से अधिक लोगों को हताहत किया। बीएलए ने कहा कि उसने लगभग 70 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने के बाद गुरुवार शाम नोशकी में ऑपरेशन बंद कर दिया, जहां उसने अपने नौ लोगों को खो दिया।
एफसी को पाकिस्तान की सीमाओं की रक्षा करने का काम सौंपा गया है। इसके नोशकी और पंजगुर शिविर बलूचिस्तान में स्थित हैं, जो दोनों को अलग करते हुए लगभग 460 किलोमीटर दूर हैं - एक संकेत है कि बीएलए ने एक सुनियोजित और समन्वित तरीके से बलों पर हमला किया।
पाकिस्तान ने कथित तौर पर बलूच राष्ट्रवादियों के खिलाफ अभियान में हेलीकॉप्टर गनशिप और बख्तरबंद कर्मियों के साथ उनके मंसूबों को विफल किया है। सरकार ने भीषण लड़ाई को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया है। इसने दो जिलों में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है और मीडिया को क्षेत्र से रिपोटिर्ंग करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
बलूचिस्तान में पत्रकारों की सोशल मीडिया रिपोटरें में शुक्रवार को दावा किया गया कि लड़ाकों ने कई हेलीकॉप्टर गनशिप और एक बख्तरबंद कर्मियों के वाहक को मार गिराया।
डॉन अखबार ने बताया कि पंजगुर में गुरुवार दोपहर तक भारी विस्फोट और गोलीबारी जारी रही।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा, पंजगुर शहर के निवासियों ने कहा कि हेलीकॉप्टर शिविर के ऊपर मंडराते देखे गए। सूत्रों ने दावा किया कि सशस्त्र विद्रोहियों ने शिविर में प्रवेश करने के बाद महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया और उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। हालांकि, सुरक्षा बल बंधकों को मुक्त करने में सक्षम रहे।
इंडियानैरेटिव ने बलूचिस्तान में विकासशील स्थिति को समझने के लिए भू-राजनीतिक विश्लेषक और पाकिस्तान पर नजर रखने वाले मार्क किनरा से बात की।
किनरा ने कहा कि एफसी बलों पर दोहरा हमला निस्संदेह बलूच राष्ट्रवादियों द्वारा पाकिस्तानी सैनिकों पर सबसे बड़ा हमला है।
उन्होंने कहा, पंजगुर और नोशकी एफसी कैंपों में बीएलए की मजीद ब्रिगेड द्वारा उच्च तीव्रता वाले समन्वित हमले पाकिस्तान के लिए पठानकोट मोमेंट बन रहे हैं, क्योंकि 34 घंटों के बाद भी, मजीद ब्रिगेड ने पंजगुर एफसी कैंप को अपने कब्जे में जारी रखा है। प्रारंभ में, पाकिस्तान के इंटर- सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि केवल एक कर्मी मारा गया है और स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन तब से आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
पाकिस्तान ने हमले की साजिश रचने के लिए भारत और अफगानिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
किनरा ने आगे कहा कि पाकिस्तान की आदत है कि वह खुद की पैदा की हुई समस्याओं के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराता है।
उन्होंने कहा, 25-26 जनवरी के केच हमले के लिए जिसमें कम से कम 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, पाकिस्तानी मीडिया ने बलूच राष्ट्रवादियों का समर्थन करने के लिए ईरान पर आरोप लगाया था। इस बार, आईएसपीआर ने कहा है कि वर्तमान हमलावरों के हैंडलर भारत और अफगानिस्तान में हैं - - विडंबना यह है कि यह वही अफगानिस्तान है, जिसके पास पाकिस्तान समर्थित तालिबान है।
किनरा का कहना है कि बलूच राष्ट्रवादियों ने पहले भी अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया है और पाकिस्तान में शासन ने यह मान लिया था कि तालिबान के सत्ता में आने के साथ, वह इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित कर लेगा।
इस भीषण हमले के बाद पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान के हालात अचानक गंभीर हो गए हैं। साथ ही पिछले दस दिनों में पाकिस्तानी सेना पर यह तीसरा बड़ा हमला है।
विशेषज्ञ ने कहा, स्वतंत्रता के प्रति अपने मिशन में बलूच राष्ट्रवादी मुखर हैं। नोशकी और पंजगुर हमले महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये ठीक उसी समय हो रहे हैं जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन का दौरा कर रहे हैं। यह चीन को एक संकेत भेजता है कि यदि पाकिस्तान के एफसी कैंप बलूच हमलों से सुरक्षित नहीं हैं, चीन बलूचिस्तान और पाकिस्तान में अपने हितों की रक्षा कैसे करेगा।
बीएलए ने पंजगुर शिविर में छिपे अपने एक लड़ाके की प्रतिलिपि (ट्रांसस्क्रिप्ट) भी जारी की, जिसने लड़ाई का विस्तृत मूल्यांकन दिया। लड़ाकू ने कथित तौर पर अपने बलूच कमांडर को बताया कि लड़ाई इतनी तीव्र है और सैनिक इतनी संख्या में हताहत हुए हैं कि पाकिस्तानी सेना अपने मृतकों और घायलों को भी नहीं निकाल सकी है।
(यह आलेख इंडियानैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)
--इंडियानैरेटिव
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