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कश्मीर पर चुप है पश्चिम- इमरान खान के बिगड़े बोल, उइगरों के चीनी शोषण को नकारा

Imran khan बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन सत्र में भाग लेने के लिए चीनी दौरे पर जा रहे हैं

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पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने एक बार फिर कश्मीर पर विवादास्पद बयान दिया है. इमरान खान ने शनिवार, 29 जनवरी को कहा कि कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर पश्चिमी देशों की "सेलेक्टिव चुप्पी" साफ दिख रही है, जबकि शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर चीन के शोषण को उजागर करने में "दोहरा मानदंड" अपनाया जा रहा है.

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इस्लामाबाद में चीनी पत्रकारों के साथ एक इंटरव्यू के दौरान सवालों का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा कि "हमें पाकिस्तान में यह बात हजम करने में बहुत मुश्किल होती है कि पश्चिम में वे उइगरों के बारे में तो बात करते हैं लेकिन कश्मीर के बारे में ज्यादा बात नहीं करते. क्योंकि भारत द्वारा वहां सबसे ज्यादा मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है".

"कश्मीर में मानवाधिकारों के बारे में सेलेक्टिव चुप्पी है जहां लगभग 90 लाख लोग सबसे खराब परिस्थितियों में रह रहे हैं. यह लगभग एक खुली जेल है जहां 800,000 भारतीय सैनिक हैं. एक तरफ वे शिनजियांग के बारे में बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ, कश्मीर पर सन्नाटा है, जो हमें साफ दिख रहा है"
इमरान खान

इमरान ने शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर चीन के शोषण को नकारा

जब मानवाधिकार संगठन चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर हो रहे दमन को सांस्कृतिक नरसंहार का नाम दे रहे हैं, इमरान खान ने कहा कि चीन में पाकिस्तान के राजदूत ने इस क्षेत्र का दौरा किया है और पाया कि "यह वास्तव में जमीनी हकीकत नहीं है".

गौरतलब है कि जुलाई 2021 में चीनी पत्रकारों के साथ इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान ने चीन के साथ "अत्यधिक निकटता और गहरे संबंध" के कारण उइगरों के बारे में बीजिंग के पक्ष को स्वीकार कर लिया है.

इमरान खान ने शनिवार, 29 जनवरी के इंटरव्यू में कहा कि “पाकिस्तान में यह भावना है कि चीन हमेशा जरूरत के समय हमारे साथ खड़ा रहा है और मुश्किल समय में इसने हमारा साथ दिया. इसी तरह पाकिस्तान भी हमेशा चीन के साथ खड़ा रहा है”.

चीन दौरे पर जा रहे इमरान खान

चीनी मीडिया के साथ इमरान खान का यह इंटरव्यू उनके चीन यात्रा से कुछ दिन पहले आया है. इमरान बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन सत्र में भाग लेने के लिए जा रहे हैं.

अमेरिका ने पहले ही चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में चिंताओं के कारण शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार कर दिया है.

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