ADVERTISEMENTREMOVE AD

हिंदू महासभा के रंजीत बच्चन की हत्या पर सवाल-UP में कौन सेफ?  

अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के नेता रंजीत बच्चन की लखनऊ के हजरतगंज में गोलीमार कर हत्या कर दी गई.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हिंदू महासभा के नेता रंजीत बच्चन की लखनऊ के हजरतगंज में गोलीमार कर हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बदमाशों ने सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान उनपर गोली चलाई. जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई.उत्तर प्रदेश के केंद्र में एक और हत्या. इस हत्या ने यूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.

यूपी में बेखौफ बदमाश

यूपी को लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और बीजेपी लीडरशिप ने बार-बार कहा कि अब यहां अपराधी डरकर रहते हैं लेकिन एक के  बाद एक हो रही हाई प्रोफाइल हत्या कुछ और ही कहानी कह रही है.

-तीन महीने पहले 18 अक्टूबर को हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी.तिवारी हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष थे, जिनको कुछ बदमाशों ने उनके ही दफ्तर में घुसकर गोली मार दी थी.

सितंबर 2019 में एप्पल के एरिया मैनेज विवेक तिवारी की हत्या पुलिस वालों ने ही कर दी थी.

क्राइम में दूसरे नंबर पर यूपी

यूपी में क्राइम का क्या हाल है, इसकी पोल नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट भी खोलती है. IPC के तहत आने वाले अपराधों में 2017 में यूपी नंबर 1 था. 2018 में भी यूपी नंबर वन बनते-बनते रह गया. महाराष्ट्र सबसे ज्यादा मामलों 3.46 लाख मामलों के साथ जहां नंबर 1 रहा वहीं यूपी इससे चंद हजार कम 3.42 लाख मामलों के साथ नंबर दो पर रहा. इसमें स्पेशल और लोकल कानूनों के तहत दर्ज होने वाले मामलों को भी जोड़ लें दो देश में सबसे ज्यादा मामले यूपी में ही दर्ज हुए.

इस हिसाब से यूपी में 5.85 लाख मामले दर्ज हुए जबकि महाराष्ट्र में 5.15 लाख मामले दर्ज हुए बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी करीब 20 हजार मामलों के साथ नंबर 1 रहा.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

हर दो घंटे में एक रेप

2018 की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हर 90 मिनट में एक बच्चे के खिलाफ अपराध की सूचना दी जाती है. और हर 2 घंटे में एक बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है. आसान भाषा में समझें तो हर रोज 12 रेप के मामले यानी कि कुल 4322 मामले 2018 में दर्ज किए गए.

NCRB ने अपनी रिपोर्ट में लखनऊ को अपराधों की टॉप 20 शहरों की लिस्ट में रखा है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 2017 के तुलना में 2018 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों में 12% की वृद्धि दर्ज की गई है. 2018 में कुल 454 अपराध दर्ज किए गए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×