चिन्मयानंद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के एक ग्रुप की गुहार सुन ली है. कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस पर सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है. वकीलों के एक समूह ने बुधवार, 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि उत्तर प्रदेश में लापता लॉ स्टूडेंट के मामले में कोर्ट हस्तक्षेप करे, ताकि उन्नाव जैसी दुर्घटना से बचा जा सके.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लिखे एक लेटर में वकीलों के समूह ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि वो इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लें.
'लड़की के परिवार को मिले सुरक्षा'
वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि वो यूपी सरकार को नोटिस जारी करे कि वो लड़की को तलाशे और उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए. वकीलों ने कहा, "हम एक समाज के रूप में एक और उन्नाव घटने नहीं दे सकते."
मामला क्या है?
पूर्व सांसद और केंद्र की वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने "उत्पीड़न और कई लड़कियों के जीवन को तबाह करने" का आरोप लगाया गया है. छात्रा ने ये दावा पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक वीडियो क्लिप में किया था. इसके एक दिन बाद, लड़की लापता हो गई और उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
ताजा अपडेट ये है कि उत्तर प्रदेश के एक सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक, दिल्ली के द्वारका स्थित एक होटल से सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिसमें आरोप लगाने वाली लड़की उस लड़के के साथ नजर आई है, जिसने कथित तौर पर चिन्मयानंद को जबरन वसूली के लिए कॉल की थी. पुलिस ने शाहजहांपुर से दिल्ली तक लड़के और लड़की के मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड के जरिए उनकी लोकेशन और रूट ट्रेस किया है.
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