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UP: बाइक टकराने या फिर लेनदेन का विवाद? सरे बाजार हुई मुस्लिम युवक की हत्या

पुलिस का कहना है कि मृतक युवक के परिजनों के तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हापुड़ जिले में आपसी विवाद के बाद एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर देने का मामला सामने आया है. युवक की मौत के बाद पीड़ित पक्ष ने आरोपियों के घर पर पत्थरबाजी भी की. मामला दो समुदाय से जुड़े होने के कारण पूरे क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया.

घटना की गंभीरता को देखते हुए आला अधिकारियों ने कई थानों की टीम मौके पर भेजी और मामले को शांत करने का प्रयास किया. पुलिस का कहना है कि मृतक युवक के परिजनों के तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, लेकिन अभी आधिकारिक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है.

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क्या था पूरा मामला?

पूरा वाकया 24 अक्टूबर की रात का है. हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ थाना इलाके में पढ़ने वाले लुहारी गांव में विजयदशमी मेले में चहल-पहल के बीच 25 वर्षीय मोहम्मद इरशाद का बाइक टकराने को लेकर गांव के ही कुछ युवकों से विवाद हो गया. बाजार में भीड़-भाड़ थी, जिसके चलते विवाद तुरंत बावल में बदल गया. आरोप है कि दूसरे पक्ष ने राजमिस्त्री का काम करने वाले इरशाद को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. आनन-फानन में उसे पास के ही सरकारी अस्पताल ले जाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

मृतक के रिश्तेदार फारूक ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि जब उन्हें घटना के बारे में पता चला तो वो दौड़कर वहां पहुंचे और देखा कि 10-12 लड़के मौके से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा, "जो वहां लड़के थे उसमें मोंटी, गगन और आकाश थे, और तीन लड़के बाहर से थे. जब हम वहां मौके पर पहुंचे तो लड़का (इरशाद) मरा हुआ पड़ा था."

वहीं दूसरी तरफ आरोप है कि इरशाद की मौत से गुस्साए लोगों ने आरोपियों के घर पर पत्थरबाजी भी की. घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बार मौके पर पहुंची, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सका.

मुकदमे में पैसे के लेनदेन का विवाद

हापुड़ पुलिस ने मृतक इरशाद के भाई निसार की तहरीर पर छः नामजद अभियुक्त मनीष फौजी, दीपक, योगेश, गगन, सुशांत और दिनेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 323, 504 और 302 के तहत बहादुरगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

हापुड़ के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने घटना के बाद अपने बयान में विवाद का कारण मोटरसाइकिल का आपस में टकराना बताया था. हालांकि, दर्ज शिकायत के मुताबिक राजमिस्त्री का काम करने वाले इरशाद ने आरोपियों में से एक मनीष फौजी का मकान बनवाया था. लेबर मेहनताना के 3 लाख रुपए मनीष फौजी पर बाकी थे.

इसी पैसे के लेनदेन को लेकर मनीष फौजी ने इरशाद को 24 अक्टूबर की रात लगभग 8 बजे ये कह कर बुलाया था कि वो बचे हुए पैसे का हिसाब करेगा.

निसार ने लिखित शिकायत में कहा, "मेरा भाई मनीष के साथ चला गया. बाजार में मनीष के साथ दीपक, योगेश, गगन, सुशांत और दिनेश पहले से ही घात लगाए बैठे थे. सभी ने मिलकर मेरे भाई को ये कहकर लोहे की रॉड, डंडे, घूंसों से मारना शुरू कर दिया कि ये बहुत तगादा करता है."

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