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हाथरस केस: 3 आरोपी बरी,एक को उम्रकैद की सजा, गैंगरेप-मर्डर का आरोप साबित नहीं

29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरगंज में युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

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2020 हाथरस गैंगरेप और हत्या केस में फैसला आ चुका है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras, UP) जिला न्यायालय ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया है वहीं एक आरोपी संदीप को दोषी पाया है. कोर्ट ने संदीप सिंह को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. धारा 304 और SC/ST एक्ट में 3 आरोपित बरी हो गए हैं.

बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के एक गांव में 19 साल की दलित युवती के साथ रेप की वारदात हुई थी, जिसके बाद 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरगंज में युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में युवती के गांव के रहने वाले संदीप, रवि, रामू और लवकुश को आरोपी बनाया था.

मृतका के पक्ष के वकील महिपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे इस फैसला से कुछ हद तक संतुष्ट हैं और कुछ हद तक नहीं हैं.

“संदीप सिंह को (भारतीय दंड संहिता) धारा 304 और एससी / एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है. इस मामले में अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया... इस फैसला से हम कुछ हद तक संतुष्ट हैं और कुछ हद तक नहीं हैं. जजमेंट देखने के बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे.हम हारे नहीं है, एक मुल्जिम को सजा मिली है. हम हाई कोर्ट में अपील करेंगे"
महिपाल सिंह, वकील

पुलिस पर लगा था आरोप-बिना परिवार की मर्जी के युवती का किया था अंतिम संस्कार

तत्कालीन जिला प्रशासन पर पीड़ित परिवार के मर्जी के बिना आनन-फानन में देर रात दलित युवती के दाह संस्कार का भी आरोप लगा था.

सीबीआई ने मामले की जांच कर चारों आरोपियों के खिलाफ दिसंबर 2020 में दाखिल कर दी थी चार्जशीट. सीबीआई ने इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ 376 डी, 302, एससीएसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था.

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