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गर्लफ्रेंड के लिए 4 मर्डर कर 3 साल से भेष बदल कर रह रहा था, फिर कैसे खुली पोल?

तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट आने पर चार हत्याओं के खुलासा हुआ है

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उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज (kasganj ) जिले में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. एक महिला सिपाही के प्यार में अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने वाले शख्स को 3 साल बाद पुलिस ने धर दबोचा है. पुलिस ने इस शख्स के पिता को भी आरोपी का साथ देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने तीनों के नर कंकाल बरामद किए हैं.

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राकेश नाम के एक शख्स ने 2018 में एक महिला सिपाही से प्रेम के चक्कर में अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद राकेश ने उनके शव को नोएडा में अपने घर के बेसमेंट में दबाकर जून को छुपाने का प्रयास किया था. साथ ही पुलिस से बचने के लिए अभियुक्त ने अपने ही दोस्त की हत्या कर उसे अपने कपड़े पहना दिए और दोस्त का सिर और हाथ काटकर उन्हें जला दिया.

इसके साथ ही अभियुक्त के पिता ने अपने बेटे को बचाने के लिए दोस्त के शव की पहचान अपने बेटे के रूप में की.

तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट (DNA Report) आने पर पुलिस ने मामले की जांच की जिसमें चार हत्याओं के खुलासा हुआ है. कासगंज पुलिस ने नोएडा जाकर उसके मकान से बेसमेंट की खुदाई कर तीनों के नर कंकाल बरामद किए हैं.

पहचान बदलकर 3 साल तक घूमता रहा आरोपी

घटना करने के 3 साल के दौरान अभियुक्त ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपने नाक की सर्जरी कराकर भेष भूषा बदल ली थी ताकि कोई उसे पहचान न ले. वह पहचान बदलकर हरियाणा में काम करता रहा. इस दौरान महिला कांस्टेबल लगातार नौकरी करती रही और अभियुक्त के संपर्क में बनी रही.

अभियुक्त का पिता पुलिस से रिटायर्ड कर्मी है और प्रेमिका पुलिस में नौकरी करती है जिसकी ड्यूटी आगरा में ताजमहल की सुरक्षा में लगी है. अभियुक्त राकेश 8 साल लाल पैथोलॉजी में काम करता रहा है.

पुलिस का कहना है कि पैथोलॉजिस्ट और पुलिस में काम करने वाले को फॉरेंसिक की जानकारी होती है, जिसका फायदा उठाते हुए अभियुक्त ने अपनी पहचान छुपाने और कत्ल करने में लाभ लाभ उठाया.

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    आरोपी राकेश

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कासगंज के एसपी बोत्रे रोहन प्रमोद ने कहा,

"आरोपी राकेश ने खुद को मृतक घोषित करवाया था और वह फरार चल रहा था. हरियाणा में एक जगह पर फिलहाल वह मजदूरी कर रहा था. उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए नाक की सर्जरी भी करवाई थी और वेशभूषा भी बदल ली थी. महिला कॉन्स्टेबल भी लगातार नौकरी करती रही और वह इस परिवार के लगातार संपर्क में थी. आरोपी पैथालॉजिस्ट के रूप में काम करता था. डेड बॉडीज को गाड़ना, उसके ऊपर सीमेंट का घोल बनाकर डालना, दूसरे की बॉडी को खुद की बॉडी बना कर पहचान करवाना और उसके हाथ और सर कलम करना ताकि पहचान न हो सके, यह सब दिखाता है कि आरोपी को फोरेंसिक की अच्छी जानकारी थी."
एसपी, बोत्रे रोहन प्रमोद
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सेंट्रल नोएडा के एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने भी घटना पर जानकारी देते हुए कहा,

"एक पिता ने फरवरी 2018 में बिसरत में लापता-सह-अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसकी बेटी, उसके 2 बच्चों का उसके दामाद राकेश ने अपहरण कर लिया था. अप्रैल 2018 में, कासगंज पीएस ने बताया कि राकेश की हत्या कर दी गई थी. वही व्यक्ति अब जीवित पाया गया है. इस घटना में प्राप्त तीनों शवों की हड्डियों को फ्रेंडशिप जांच के लिए भेज दिया गया है."
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जानकारी के अनुसार राकेश अक्सर कालोनी के लोगों के साथ झगड़ा करता रहता था. उसका पत्नी रत्नेश के साथ व्यवहार अच्छा नहीं था. उसका पत्नी से अक्सर विवाद भी होता रहता था. उसके दोनों बच्चे अवनी व अर्पित ही मां-बाप की लड़ाई शांत करवाते थे. कालोनी के ही लोगों ने भी दंपती के बीच कई बार विवाद शांत कराया.

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