ADVERTISEMENTREMOVE AD

टेरर फंडिंग मामले में NIA ने हाईकोर्ट से Yasin Malik के लिए मांगी मौत की सजा

मई 2022 में यासीन मलिक को एक विशेष एनआईए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख और प्रमुख कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए 26 मई को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की डिविजन बेंच 29 मई को याचिका पर सुनवाई करेगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मई 2022 में मलिक, जिसे 2017 के टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया गया है, को एक विशेष एनआईए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत फैसला सुनाया था जो साथ-साथ और आजीवन चलेगी.

पिछले साल पटियाला हाउस कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच टेरर फंडिंग मामले में अपराधों की सजा सुनाई गई थी.

पिछले साल निचली अदालत में सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा था, "मैं किसी भी चीज की भीख नहीं मांगूंगा. मामला इस अदालत के समक्ष है और मैं इसका फैसला अदालत पर छोड़ता हूं."

0

एनआईए ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन के लिए आरोपी जिम्मेदार है. जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा का भी तर्क दिया था. दूसरी ओर न्यायमित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के तौर पर आजीवन कारावास की मांग की थी.

मलिक ने पहले इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था. पिछली सुनवाई में उसने अदालत से कहा था कि वह धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कार्य करने की साजिश), और 20 ( यूएपीए के एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (राजद्रोह) के आरोपों का विरोध नहीं कर रहा है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×