मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जिस चक्रवात को बेहद खतरनाक बताया है वह चक्रवात मोचा (Cyclone Mocha) रविवार, 14 मई को दोपहर 12:30 बजे से 2:30 बजे के बीच म्यांमार के तटों से टकराया है.
IMD के अनुसार, मोचा सितवे (म्यांमार में) के उत्तर में टकराया है. यह कॉक्स बाजार (जो बांग्लादेश में है) में बालुखाली शिविर से लगभग 120 किमी दक्षिण में है, जिसमें 500,000 रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात दोनों देशों (बांग्लादेश और म्यांमार) के तटों पर भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा. नतीजतन, बांग्लादेश और म्यांमार दोनों ने सावधानी बरती है और 4,000 से अधिक सुरक्षा शिविरों में रोहिंग्या शरणार्थियों सहित हजारों लोगों को निकाला है. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, 14 मई को म्यांमार में हवा और बारिश के कारण कई मौतें हुईं हैं.
हाई अलर्ट पर पश्चिम बंगाल
इस बीच, पश्चिम बंगाल के पुरबा मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में आपदा प्रबंधन बल के जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
गोताखोरों सहित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मियों के सात समूहों को पुरबा मेदिनीपुर जिले के दीघा-मंदारमणि तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए दक्षिण 24 परगना जिले के बक्खाली समुद्र तट पर राज्य आपदा प्रबंधन समूह के 100 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है. दोनों जिलों में तटीय क्षेत्रों के निवासियों से चक्रवात के लैंडफॉल के दौरान खाली करने का आग्रह किया गया है.
एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि...
"हालांकि मौसम कार्यालय ने भविष्यवाणी की है कि चक्रवात मोचा पश्चिम बंगाल को चकमा देगा, हमने कोई भी बदलाव होने की स्थिति में सभी एहतियाती कदम उठाए हैं. हमने दक्षिण 24 परगना के पुरबा मेदिनीपुर के निचले तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित कर दिया है. इन क्षेत्रों में सुरक्षित आश्रय और पर्याप्त राहत सामग्री भेजी गई है."
मौसम विज्ञानियों ने पहले चेतावनी दी थी कि मोचा बांग्लादेश में लगभग 20 वर्षों में देखा गया सबसे शक्तिशाली तूफान हो सकता है.
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