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CBSE स्टूडेंट न हों परेशान,परीक्षा टलना हो सकता है ‘आपदा में अवसर’

केंद्र सरकार ने CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षाएं रद्द, और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को टालने का फैसला लिया है.

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केंद्र सरकार ने देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर CBSE बोर्ड की 10वीं परीक्षा रद्द, जबकि 12वीं की परीक्षा को आगे स्थगित करने की घोषणा की है. कोविड-19 की चौथी लहर के बाद रोजाना डेढ़ लाख से ज्यादा मामले आने के बीच विपक्ष तथा सिविल सोसाइटी की तरफ से परीक्षा को स्थगित या रद्द करने की मांग की जा रही थी. महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही राज्य बोर्ड की परीक्षा को आगे टाल दिया है.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली मीटिंग में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, स्कूली तथा उच्च शिक्षा सचिव मौजूद थे. केंद्र सरकार के इस निर्णय के पश्चाताप में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सरकार ने अपने-अपने राज्यों की बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी है.

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कोविड-19 के व्यापक प्रसार के बीच यह निर्णय व्यवहारिक लगता है. बावजूद इसके बोर्ड परीक्षा रद्द और स्थगित करने से बच्चों के सामने भविष्य को लेकर चिंता और मानसिक परेशानी का प्रश्न बना हुआ है.

दरअसल, भारत में बोर्ड परीक्षाएं एक परिवारिक उत्सव की तरह है जिसमें बच्चों के साथ-साथ मां-बाप और पूरा परिवार लगा होता है. परीक्षा को लेकर अनिश्चितता के बीच आने वाले महीने बच्चों तथा परिवार के लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकते हैं. चिंताओं को पार लगाने के और समय के क्रिएटिव सदुपयोग के यह रहे उपाय:

बोर्ड के छात्रों को संदेश: स्वीकार कीजिए

कई बार परिस्थितियों को स्वीकार करना हमें उससे लड़ने के काबिल बना देता है. कोविड-19 महामारी से उत्पन्न यह परिस्थिति सामान्य नहीं है. इसे आप को स्वीकारना होगा. वह कहते हैं ना "Extraordinary times calls for extraordinary measures". 10वीं की परीक्षा रद्द की गई है तथा आपका एसेसमेंट CBSE बोर्ड द्वारा निर्धारित 'ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया' के आधार पर होगा. अगर उसके बाद भी आप अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, तब आपके पास स्थिति सामान्य होने पर पुनः परीक्षा में बैठने का विकल्प उपलब्ध होगा.

इसी तरह 12वीं की परीक्षा जिसे स्थगित की गई है उसके संबंध में स्थिति की समीक्षा 1 जून को की जाएगी तथा आपको परीक्षा होने से 15 दिन पहले सूचना दे दी जाएगी. इस एक्स्ट्राऑर्डिनरी परिस्थिति में यह कदम व्यवहारिक ही है. इसे आप को स्वीकार करना चाहिए. अभी और अगली कक्षा या कॉलेज में एडमिशन लेने तक के बीच आपके पास पर्याप्त समय उपलब्ध है. इसका सदुपयोग करके आप अपने तरकस में वो तीर जोड़ सकते हैं, जो आपको आने वाले जिंदगी के लिए तैयार करेगा.

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आपके पास ये विकल्प उपलब्ध हैं:

  • आप इस समय का सदुपयोग किसी ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स को पूरा करके कर सकते हैं. ये ऑनलाइन कोर्स आपको अपने कॉलेज लाइफ के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज के साथ-साथ आपकी CV को भी मजबूत करता है.
  • विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए कोडिंग सीखाने वाली साईट जैसे Tekki UNI, CodeMonkey, Treehouse मौजूद है.
  • साथ ही वर्चुअल विज्ञान के लैब भी मौजूद है, जहां विज्ञान के प्रयोग के साथ साथ उनसे संबंधित जानकारियां प्राप्त की जा सकती है. Project Noah, Science Buddies, Exploratorium जैसे वर्चुअल साइंस लैब साईट मौजूद हैं.
  • परीक्षा रद्द या टलने का यह समय आपको आपदा में अवसर भी प्रदान कर रहा है. आपके जो पैशन अब तक स्कूली जीवन और परीक्षा के तनाव के बीच दब गए थे, यह उनसे फिर से जुड़ने का समय है. आप पेंटिंग करें, गाना गाएं, सोशल साइट पर उसे अपलोड करे, वीडियो एडिटिंग सीखें. इससे आपको एक्सपोजर के साथ साथ नयी तकनीक सीखने को मिलेंगी.
  • इसके अलावा इस बीच आप न्यूजपेपर के माध्यम से खुद को देश-दुनिया की खबरों से अप-टू-डेट रख सकते हैं. यह खबरें आपको व्यवहारिक बनाने के साथ-साथ नए नजरियों से लैस करती है.
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लेकिन, यह सब तभी संभव है जब आप मानसिक तथा शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हों. तनाव को कम करना, पूरी नींद लेना, एक रूटीन बनाकर उसका पालन करना, खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है. योग आपको मानसिक तनाव से बचाए रखेगा. आत्ममंथन वेलनेस सेंटर के वेलनेस डायरेक्टर मनोज कुत्तेरी कहते हैं,

“योगा एक अच्छा टूल है, क्योंकि तमाम योगासन मांसपेशियों और जोड़ों में तनाव को कम करते हैं, जो कि पूरे शारीरिक तनाव को कम करने में सहायक है.”

योगासन शारीरिक स्वास्थ्य तनाव के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायक है. इस उम्र में कोविड-19 के बंधनों के कारण बच्चों के शारीरिक खेलकूद पर बुरा प्रभाव पड़ा है. योगा उसके पूरक का काम कर सकता है. साथ ही हर दिन 20 मिनट का योग निद्रा तनाव और चिंताओं से मुक्ति दिलाता है.

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मां बाप के लिए संदेश: आप बच्चों के तनाव अब्जॉर्बर बने

बोर्ड की परीक्षाएं सिर्फ बच्चों के ज्ञान को नहीं तौलती, बल्कि वह मां-बाप का भी इम्तिहान लेती है. अब जब कोविड-19 के मद्देनजर परीक्षाएं स्थगित और रद्द हो गई है, तो बच्चों को आपकी जरूरत है. आपके पास उनसे ज्यादा जीवन अनुभव है. यह स्थिति आपके लिए भी आसान नहीं है. एक बड़ी जनसंख्या को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, कईयों के रोजगार छिन गए हैं और कई वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. इस परिस्थिति में आपको पूरे परिवार की देखभाल के साथ अपने बच्चों की विशेष देखभाल की जरूरत है. यह समय आपको अपनों के पास रहने का मौका दे रहा है.

बच्चों के साथ साथ आपको भी पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योगा को अपनाना चाहिए. साथ ही आपको बच्चों से बात करते रहना उनके तनाव को बहुत कम करेगा. भविष्य को लेकर उन्हें इतना तनाव ना हो कि वह वर्तमान को झेलने पर मजबूर हो जाए. भारतीय माता-पिता के पास अपने बच्चों के दोस्त बनने का यह जरूरी समय है. आसान नहीं है ये परिस्थिति, लेकिन कई बार जिंदगी विकल्प नहीं देती. स्वीकारिए इसे.

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