केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरिया निशंक ने 13 सितंबर को कहा कि 15.97 लाख अभ्यर्थियों में से करीब 85 -90 प्रतिशत ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2020 दिया है.
एक ट्वीट में डॉ निशंक ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने उन्हें मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में बच्चों के हिस्सा लेने की जानकारी दी है. निशंक ने कहा, "ये यंग आत्म निर्भर भारत की अटलता और सहस को दिखाता है."
2019 में करीब 15,19,375 छात्रों ने NEET के लिए अप्लाई किया था. इनमें से एग्जाम में 14,10,755 बच्चे बैठे थे.
मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन के लिए NEET पेन और पेपर आधारित एग्जाम है. ये 13 सितंबर को देशभर के 3,843 सेंटरों में दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक आयोजित कराया गया.
एग्जाम सेंटरों पर दिखी भीड़
छात्रों का एग्जाम सेंटरों में आना-जाना तो सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए बारी-बारी से हुआ. लेकिन सेंटरों के बाहर माता-पिता और रिश्तेदारों की भीड़ देखने को मिली.
दिल्ली के मयूर विहार के एक एग्जाम सेंटर पर क्विंट से बात करते हुए एक पैरेंट ने इस समय एग्जाम कराने की जरूरत पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की SOP जारी हुई है, लेकिन बाहर इंतजार करने वाले पेरेंट्स के लिए ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है.
पैरेंट ने क्विंट से कहा, "बच्चों के पास कोई और विकल्प नहीं है. उन्हें एग्जाम देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ये दिसंबर में भी हो सकता था क्योंकि ये मई से पोस्टपोन होता आ रहा है."
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