गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस से पिछले 48 घंटे में 7 बच्चों की मौत हो गई. इसी महीने की 7 अगस्त से 11 अगस्त के बीच बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 बच्चों की मौत हो गई थी. इनमें से कई मौतों का कारण इंसेफेलाइटिस ही था.
बता दें कि गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में हर साल इंसेफलाटिस के सैंकड़ों बच्चे शिकार हो जाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक समेत कई राज्यों में AES यानी एक्युट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) का ज्यादातर शिकार बच्चे ही होते हैं.
मॉनसून और पोस्ट मॉनसून यानी जुलाई से अक्टूबर के दौरान ये बीमारी अपने चरम पर होती है. सरकारी आंकड़ों से इतर कई दूसरी रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 3 दशक में करीब 50 हजार बच्चे इस बीमारी के शिकार हुए हैं.
इंसेफेलाइटिस से 'मौत' का आंकड़ा?
नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम के आंकड़ें बताते हैं कि
- 2016 में देश भर में दर्ज हुए इंसेफेलाइटिस मामलों में से 75 फीसदी से अधिक मामले उत्तर प्रदेश में पाए गए हैं.
- साल 2016 में, देश भर में 1,277 एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) मौतों की जानकारी मिली थी, जिसमें से 615 मामले उत्तर प्रदेश से थे.
- इसी तरह देश भर में दर्ज हुई 275 जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) मौतों में से 73 मामले उत्तर प्रदेश से थे.
- 8 अगस्त, 2017 तक उत्तर प्रदेश में AES और JE से 120 मौत हुईं.
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