हैदराबाद में चार साल की बच्ची के साथ उत्पीड़न के मामले में एक स्कूल की मान्यता रद्द करने के तेलंगाना सरकार के फैसले ने स्कूल में पढ़ने वाले अन्य 700 बच्चों की शिक्षा को लेकर मुश्किलें पैदा कर दी है।
इन बच्चों के माता-पिता उनकी पढ़ाई को लेकर चिंता में है, क्योंकि सरकार ने उन्हें अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा है।
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), हैदराबाद माता-पिता के साथ बैठक कर उनकी आशंकाओं को दूर कर रहे है। माता-पिता ने सुझाव दिया है कि स्कूल की मान्यता रद्द करने के बजाय कम से कम चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए सरकार को संस्थान को चलाने के लिए एक समिति का गठन करना चाहिए।
शिक्षा मंत्री पी. सबिता इंद्रा रेड्डी ने शुक्रवार को डीईओ को स्कूल को दी गई अनुमति को रद्द करने और अपने अधिकार क्षेत्र में छात्रों को उनकी पसंद के अन्य स्कूलों में समायोजित करने का आदेश दिया।
अधिकारियों ने कहा था कि बंजारा हिल्स के स्कूल में छात्रों को पास के स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। प्रत्येक छात्र के माता-पिता से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने आस-पास के स्कूल की पसंद की पहचान करें, ताकि अधिकारी स्थानांतरण की व्यवस्था कर सकें।
शिक्षा विभाग ने प्रबंधन से छात्रों द्वारा भुगतान की गई फीस को लौटाने को कहा है, ताकि उन्हें अन्य स्कूलों में समायोजित किया जा सके।
हालांकि, अभिभावकों को लगता है कि अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित करने से उनका शैक्षणिक कार्यक्रम गड़बड़ा जाएगा और उन्हें नए स्कूलों में खुद को समायोजित करने में मुश्किल हो सकती है।
बंजारा हिल्स स्थित स्कूल में एलकेजी की छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न से लोगों में आक्रोश है। पुलिस ने मंगलवार को स्कूल के प्रिंसिपल के ड्राइवर को गिरफ्तार किया और अगले दिन लापरवाही के आरोप में प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया।
घटना का पता तब चला जब पीड़िता के माता-पिता ने बच्ची के व्यवहार में बदलाव देखा। पूछताछ करने पर उसने बताया कि रजनी कुमार पिछले तीन महीने से उसका यौन शोषण कर रहा था। वह स्कूल के क्लासरुम में उसके कपड़े उतारकर उसके साथ यौन शोषण करता था।
34 वर्षीय आरोपी ड्राइवर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 ए और बी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 को 5 (एम) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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