पिछले हफ्ते ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी हुंडई (Hyundai) के सियोल हेडक्वार्टर के एक पाकिस्तानी डीलर द्वारा कश्मीर के अलगाववादियों के सपोर्ट में एक पोस्ट किया गया था. जिस पर दक्षिण कोरिया की सरकार ने खेद जताया है. बता दें कि अब सोशल मीडिया से पोस्ट डिलीट कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चुंग यूई-योंग ने आज दिल्ली में अपने एस जयशंकर से बात की और गहरा खेद व्यक्त किया.
भारत सरकार ने कहा कि हुंडई मोटर्स द्वारा भारत के लोगों से माफी मांगने के लिए एक बयान भी जारी किया गया था और यह स्पष्ट किया गया था कि यह राजनीतिक या धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करता है.
भारत में दक्षिण कोरिया के एंबेस्डर चांग जे-बोक को सोमवार को तलब किया गया था और उन्हें एक सोशल मीडिया पोस्ट पर भारत की कड़ी नाराजगी की जानकारी दी गई.
अरिंदम बागची ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस बात पर बात हुई है कि यह मामला भारत की क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित है. इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता है.
इससे पहले हुंडई ने बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि कंपनी किसी भी देश के राजनीतिक या धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करती है.
हुंडई ने कहा कि यह पूरी तरह से हुंडई मोटर की नीति के खिलाफ है कि पाकिस्तान इंडिपेन्डेंट डिस्ट्रीब्यूटर ने अनाधिकृत कश्मीर से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट किया.
हुंडई का यह बयान सोशल मीडिया पर जोरदार विरोध होने के बाद आया. ट्विटर पर #BoycottHyundai ट्रेंड कर रहा था और कई यूजर्स ने कहा कि हुंडई की कारों के आर्डर रद्द कर देंगे.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी हुंडई का नाम लिए बिना ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां पाकिस्तान द्वारा मनाए गए 'कश्मीर एकजुटता दिवस' पर कंटेंट पोस्ट कर रही हैं. हमारे देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाले ऐसे पोस्ट स्वीकार नहीं किए जाने चाहिए. बता दें कि प्रियंका चतुर्वेदी ने हुंडई का मुद्दा संसद में भी उठाया था.
रविवार, 6 फरवरी को कंपनी ने कहा कि हुंडई मोटर इंडिया 25 से अधिक वर्षों से भारतीय बाजार के लिए प्रतिबद्ध है और हम राष्ट्रवाद का सम्मान करने के अपने मजबूती से खड़े हैं.
बता दें कि Hyundai भारत में Maruti Suzuki के बाद दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है. एसयूवी और क्रेटा सहित इसकी कई कारें भारत में खास तौर से लोकप्रिय हैं. पिछले साल दिसंबर में, हुंडई ने कहा था कि वह 2028 तक छह इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए भारत में लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है.
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