दक्षिण कोरिया की कार कंपनी हुंडई मोटर (Hundai Motors) को सोमवार को भारत में अपनी कारों के बहिष्कार का सामना करना पड़ा. हुंडई मोटर के पाकिस्तानी पार्टनर निशांत ग्रुप ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट में कश्मीर के अलगाववाद का समर्थन किया था.
हुंडई के पार्टनर निशात ग्रुप की ओर से ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट के बाद ये पूरा विवाद खड़ा हो गया. भारत में सैकड़ों सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने बहिष्कार के आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि हुंडई को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए माफी मांगनी चाहिए.
लोगों की घरेलू ब्रांडों के समर्थन की अपील
दर्जनों भारतीयों ने टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे घरेलू ब्रांडों के समर्थन का आग्रह किया और कंपनी को सबक सिखाने के लिए हुंडई कारों के ऑर्डर कैंसिल करने की अपील करते हुए पोस्ट किए.
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, हुंडई की भारत युनिट ने कहा कि उसकी "असंवेदनशील कम्युनिकेशन के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है और हम इस तरह के किसी भी सोच की कड़ी निंदा करते हैं."
हुंडई मोटर ने कहा, हुंडई मोटर इंडिया को इस घटना से जोड़ने वाली सोशल मीडिया पोस्ट इस महान देश के लिए हमारी अद्वितीय प्रतिबद्धता और सेवा को अपमानित कर रही है".
हुंडई मोटर इंडिया की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि "हम राष्ट्रवाद का सम्मान करने की अपनी प्रकृति के पीछे मजबूती से खड़े हैं."
हुंडई कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे- अश्विनी महाजन
रॉयटर्स ने सियोल में हुंडई के मुख्यालय और पाकिस्तान के सबसे बड़े व्यापारिक घराने निशांत ग्रुप से इसपर टिप्पणी पाने की कोशिश की, लेकिन तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
पिछले वित्त वर्ष में मारुति सुजुकी ने देश में करीब पांच लाख गाड़ियों की बिक्री की और दस लाख से युनिट्स का एक्सपोर्ट किया, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा कार निर्यातक बन गया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आर्थिक शाखा के एक अधिकारी अश्विनी महाजन ने कहा कि हुंडई को कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "हुंडई पाकिस्तान की आलोचना नहीं करते हुए हुंडई ग्लोबल की भारतीय शाखा ये भी नहीं कह रही है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे में ये बहुत कुछ बोलता है. क्या यह #BoycottHyundai की अपील नहीं करता है?"
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