सोलहवीं लोकसभा के भंग होने के दो महीने बाद भी 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब भी लुटियंस दिल्ली में स्थित अपने सरकारी बंगले खाली नहीं किए हैं. अब लोकसभा के एक पैनल ने उन्हें एक हफ्ते के भीतर घर खाली करने का आदेश दिया है.
लोकसभा हाउसिंग कमिटी के चेयरमैन सी आर पाटिल ने कहा है कि बैठक में ये तय किया गया है कि 3 दिन के अंदर बिजली, पानी और गैस कनेक्शन काट दिए जाएंगे. नियमों के मुताबिक, पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगलों को खाली करना होता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर 16वीं लोकसभा को 25 मई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था.
2014 में आवंटित किए गए थे बंगले
एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘लोकसभा के 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब तक अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है. इन सांसदों को 2014 में ये बंगले आवंटित किये गये थे.’’ सूत्रों ने बताया कि इन पूर्व सांसदों ने लुटियंस दिल्ली में स्थित अपने बंगलों को खाली नहीं किया है. लोकसभा चुनाव में जीतने वाले नवनिर्वाचित सांसद अस्थायी आवास में रह रहे हैं. उन्होंने बताया, ‘‘नवनिर्वाचित सांसदों को वेस्टर्न कोर्ट में अस्थायी आवास उपलब्ध कराये गये हैं और जब तक उन्हें लुटियंस दिल्ली में पूर्णकालिक आवास आवंटित नहीं किया जाता, तब तक कई गेस्ट हाउस हैं.’’
ऐसा सांसदों के आवास की लागत को कम करने के लिए किया गया है. इससे पहले, नव-निर्वाचित सांसद पांच-सितारा होटलों में तब तक रुकते थे, जब तक उन्हें एक पूर्णकालिक सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया जाता था.
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