ADVERTISEMENTREMOVE AD

फांसी में देरी के लिए वकील जिम्मेदार या सिस्टम अंधा:निर्भया की मां

निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी होना मुश्किल दिख रहा है.

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

2012 दिल्ली गैंगरेप के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर तिहाड़ जेल की आपत्ति के बाद निर्भया की मां ने सरकार और सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है. निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘निर्भया गैंगरेप के दोषियों के वकील फांसी में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं या हमारा सिस्टम अंधा है और अपराधियों का समर्थन कर रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आशा देवी ने आगे कहा, "मैं 7 साल से संघर्ष कर रही हूं. 22 जनवरी को उनको फांसी होगी की नहीं ये मुझे नहीं पता क्योंकि जो कानून व्यवस्था है वो दोषियों को सर्पोट करती है, पूरा सिस्टम और सरकार मुजरिमों को सर्पोट करता है. अब तो सरकार ही बताएगी कि 22 जनवरी को दोषियों को फांसी होगी की नहीं?"

22 जनवरी को नहीं हो सकती फांसी: तिहाड़ जेल

निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी होना मुश्किल दिख रहा है. तिहाड़ जेल की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया कि किसी भी हालत में 22 जनवरी को फांसी मुमकिन नहीं है. अपनी इस बात पर तिहाड़ जेल की तरफ से वकील राहुल मेहता ने कहा,

“अभी तक राष्ट्रपति की तरफ से दोषियों की दया याचिका खारिज नहीं की गई है. इसीलिए 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती है. दया याचिका खारिज होने के 14 दिनों बाद ही फांसी दी जा सकती है. हम नियमों से बंधे हुए हैं, जो कहते हैं कि दोषियों को दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन का वक्त दिया जाना चाहिए.”

बता दें, निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश ने क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि उसका डेथ वारंट रद्द किया जाना चाहिए. इस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. मुकेश ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि उसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है, जब तक राष्ट्रपति उसे स्वीकार या खारिज नहीं करते हैं तब तक फांसी कैसे हो सकती है. इसीलिए उसका डेथ वारंट रद्द किया जाए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×