सामान से लदे ट्रक सड़कों पर पड़े हैं. मॉल में लोगों का आना लगातार कम हो रहा है. सिनेमा हॉल खाली चल रहे हैं. छोटे दुकानदारों के पास स्टॉक कम हो रहा है. छोटे रेस्टोरेंट में खाने वाले नदारद हैं. ये कुछ साइड एफेक्ट हैं प्रधानमंत्री के 500 और 1000 रुपये के नोट बैन करने का.
आइए जानतें हैं पिछले पांच दिनों में नोटबंदी का क्या-क्या असर हुआ है.
ट्रांसपोर्ट, हेल्थकेयर से लेकर खाने-पीने तक के कारोबार पर बड़ा असर पड़ा है. उपभोक्ताओं से लेकर कारोबारियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
आखिर कब खत्म होगी ATM के बाहर भीड़
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भले ही एटीएम के सुचारू तौर पर काम करने में तीन हफ्ते का वक्त लगने का आश्वासन दिया है. लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस मामले पर स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा है.
अगर आंकड़ों पर नजर डालें, तो वित्तमंत्री की ओर से किया गया दावा पूरा होता नहीं दिखता. आंकड़ों के मुताबिक, एटीएम के सुचारू तौर पर काम करने में अभी कम से कम दस हफ्तों का वक्त लगेगा.
- देशभर में 2,02,000 ATM हैं.
- ATM में कैश भरने में करीब 15 मिनट से दो घंटे तक का वक्त लगता है.
- देशभर में ATM को सर्विस देने वाले कुल 3,000 इंजीनियर हैं.
- किसी भी ATM को अपडेट करने में कम से कम 15 मिनट का वक्त लगता है.
एटीएम की संख्या के मुकाबले उन्हें अपडेट करने वाले इंजीनियर्स की संख्या बेहद कम है. साथ ही एटीएम को अपडेट करने और उसे रीफिल करने में भी वक्त लगता है. ऐसे में सभी एटीएम को नए नोटों के अनुकूल बनाने में कम से कम दस हफ्ते लग सकते हैं.
छुट्टा न होने से छोटे कारोबार भी हुए प्रभावित
बड़े नोट बैन होने के चलते छोटे नोटों की कमी से भी कारोबार प्रभावित हुआ है. स्ट्रीट फूड वेंडर्स लेकर छोट-छोटे रेस्तरां तक सभी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा खाने-पीने के सामान, सब्जी विक्रेता जैसे छोटे कारोबारियों के बिजनेस पर भी बड़ा असर पड़ा है.
कैश के इंतजार में हाइवे पर खड़े हैं लाखों ट्रक
नोटबंदी के ऐलान के चलते देशभर के अलग-अलग हिस्सों में हाइवे पर ट्रकों के पहिए थम गए हैं. कारोबार और डेली यूज से संबंधित सामानों को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने वाले ट्रक डीजल के इंतजार में खड़े हैं. कई जगहों पर पेट्रोल पंप बड़े नोट लेने से इनकार कर रहे हैं, लिहाजा ट्रक रास्ते में ही फंस गए हैं.
नोटबंदी के बाद से 4 दिनों के भीतर बैंकों ने बांटे 50,000 करोड़
केंद्र सरकार की ओर नोटबंदी के फैसले के बाद से 4 दिनों के भीतर बैंक 50,000 करोड़ रुपये बांट चुके हैं. बैंकों ने आम नागरिकों को 100 या फिर 2,000 के नोट के तौर पर यह करेंसी दी है.
भारतीय बैंक एसोसिएशन के मुताबिक, देशभर के एटीएम को 500 और 2,000 रुपये के नए नोटों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है.
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