ADVERTISEMENTREMOVE AD

आधार डेटा में सेंध की रिपोर्ट UIDAI ने खारिज की, कहा खतरा नहीं

आधार कार्ड की गोपनीयता खतरे में, रिपोर्ट के मुताबिक कोई भी निकाल सकता है आपके कार्ड की तमाम जानकारी

Updated
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

आधार के डेटा में बहुत बड़ी सेंध की रिपोर्ट के बाद पोर्टल ने फिलहाल काम करना बंद कर दिया है. लेकिन डेटा में सेंध की रिपोर्ट ने सभी के होश उड़ा सकती है. यूआईडीएआई ने बार बार दावा किया था कि आधार का डाटा बेहद सुरक्षित है और इसमें सेंध लगाना मुमकिन नहीं है.

लेकिन ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 10 मिनट में चुटकियों में पूरे 100 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड की जानकारी हासिल की जा सकती हैं. वो भी महज 500 रुपये रुपए में.

लेकिन यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
“ 500 रुपए, 10 मिनट और आपके पास 1 अरब आधार के जानकारी” की रिपोर्ट सही नहीं है और गलत रिपोर्टिंग है. UIDAI भरोसा दिलाता है कि आधार के डेटा में कोई सेंध नहीं लगी है. सभी डेटा पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 
UIDAI 

10 मिनट में मिल गई निजी जानकारी

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक एक एजेंट ने सिर्फ 500 रुपये लेकर 10 मिनट के अंदर उन्हें ऐसा लॉग इन आईडी और पासवर्ड दिया जिसके जरिए आधार पोर्टल से किसी भी आदमी का आधार नंबर डालकर उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस एजेंट का दुस्साहस देखिए कि उसने व्हाट्सएप पर लॉग-इन आईडी और पासवर्ड भेज दिया. इसके जरिए देश के हर उस व्यक्ति का नाम, पता, पिन कोड, फोटो, फोन नंबर, ईमेल आईडी जैसी निजी जानकारी निकाली जा सकती है जिसका आधार कार्ड बना हुआ है.

बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चूक

हैरानी और फिक्र की बात है कि हैकर्स ने पासवर्ड और लॉग इन आईडी देने के लिए डिजिटल पेमेंट यानी पेटीएम के जरिए पैसा लिया. यही नहीं ट्रिब्यून का दावा है कि उनकी टीम में 300 रुपए और दिए तो उस एजेंट ने सॉफ्टवेयर ही दे दिया जिसके जरिए आधार नंबर डालकर आधार कार्ड का प्रिंट लिया जा सकता है.

ट्रिब्यून के मुताबिक यूआईडीएआई रीजनल एडिशनल डायरेक्टर जनरल संजय जिंदल जब ये बात बताई गई तो वो चौंक गए और माना कि ये बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा चूक है. अथॉरिटी ने इस बारे में बंगलुरू की टेक्निकल टीम से सीधे संपर्क किया है.

डायरेक्टर जनरल और मेरे अलावा पंजाब में किसी तीसरे व्यक्ति को आधार के पोर्टल में लॉग इन एक्सेस नहीं है. इसके अलावा जो भी एक्सेस कर रहा है वो अवैध है, ये बहुत बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चूक है.
संजय जिंदल, एडिशनल डायरेक्टर जनरल पंजाब UIDAI (ट्रिब्यून को बताया)

अवैध यूजर्स, दुरुपयोग मुमकिन

अत्यंत निजी और गोपनीय जानकारी का इस तरह खुलेआम उपलब्ध होना बहुत गंभीर बात है.

नए सिम कार्ड या बैंक अकाउंट खोलने में इसका इस्तेमाल हो सकता है. पिछले माह जालंधर में एक आदमी को पकड़ा गया था जो फर्जी आधार कार्ड देकर किसी और के खाते से रकम निकाल रहा था.

ये भी पढ़ें- मोबाइल समेत सभी सेवाओं के आधार लिंक की डेडलाइन 31 मार्च 2018 तकःSC

0

इस तरह से रैकेट कर रहा है काम

रिपोर्ट के मुताबिक, ये व्हाट्सअप ग्रुप पिछले 6 महीने से काम कर रहा है. इस रैकेट ने सबसे पहले आईटी मंत्रालय की तरफ से काम कर रहे कॉमन सर्विस सेंटर के 3 लाख लोगों को अपने संपर्क में लिया. फिर इन लोगों को अपनी जाल में फंसाकर आधार जानकारी हैक की.

इसके अलावा इन हैकर्स ने राजस्थान की राजस्थान की आधार कार्ड वेबसाइट का भी एक्सेस हासिल कर लिया. और इन निजी जानकारियों जुटाकर उनका दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि यूआईडीएआई इस बात की जांच करेगा, तभी किसी भी तरह की पुष्टि की जाएगी.

ये भी पढ़ें- आधार वेरिफिकेशन में अलर्ट रहें, एयरटेल पर भरोसा तोड़ने का आरोप

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यूआईडीएआई ने दिया जांच का भरोसा

हालांकि जब इस बारे में यूआईडीएआई अधिकारियों से बात की गई तो, उन्होंने तुरंत इस मामले की जांच का भरोसा दिलाया. यूआईडीएआई ने बेंगलुरू में टेक्निकल टीम को इस बारे में जानकारी दी और जल्द से जल्द इसके बारे में पता करने को कहा.

साफ है कि अगर आधार डेटा इस तरह से लीक हो रहा है तो यूआईडीएआई की काफी बड़ी गलती है. इस तरह किसी का भी आधार कार्ड की जानकारी लेने से कोई भी सिम कार्ड, बैंक खाता और अन्य तरह का गलत फायदा उठा सकता है.

ये भी पढ़ें- Exclusive: हर आधार कार्ड धारक का डेटा सुरक्षित है- UIDAI

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×