शिवसेना ने मुंबई के आरे क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर अपनी सहयोगी पार्टी BJP के शीर्ष नेताओं को निशाने पर लिया है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है,
‘’पेड़ों के पास वोट करने का अधिकार नहीं होता, इसलिए उनकी हत्या का आदेश दे दिया जाना चाहिए? यह किस तरह का न्याय है? अगर विदेश के किसी जंगल में आग लगती है तो लोग इसके लिए रोते हैं, लेकिन यहां हमारी आंखों के सामने पूरे जंगल की हत्या हो रही है, ना तो प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) भावुक हुए और ना ही मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को इसकी चिंता है.’’सामना में शिवसेना
इसके अलावा शिवसेना ने कहा है कि आरे मुद्दे को जिस तरह से दबाया जा रहा है, वो और कुछ नहीं बल्कि तानाशाही है.
पार्टी ने कहा है, ''गंगा और यमुना का शुद्धिकरण प्रधानमंत्री के एजेंडा पर है, हालांकि मुंबई में जंगल कट रहा है, वो स्वीकार्य है.'' शिवसेना ने कहा है कि सरकार को रात में पेड़ काटने की कीमत चुकानी होगी. इसके साथ ही पार्टी ने कहा है कि हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पेड़ कटने के खिलाफ हैं.
बता दें कि हाल ही में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने आरे मामले पर कहा था,
‘’आने वाली सरकार हमारी सरकार होगी और जैसे ही हमारी सरकार फिर से सत्ता में आती है, हम हर संभावित तरीके से आरे फॉरेस्ट के हत्यारों से निपटेंगे.’’उद्धव ठाकरे, शिवसेना चीफ
आरे कॉलोनी को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट के 4 अक्टूबर के फैसले के बाद रात में पेड़ कटने पर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा था, ''मुंबई मेट्रो 3, एक प्रोजेक्ट जिसे गर्व के साथ पूरा किया जाना चाहिए था, उसे शर्म, कपट और भारी पुलिस बल के साथ रात में आगे बढ़ाना पड़ रहा है.'' बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 अक्टूबर को आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने और वहां पेड़ों की कटाई संबंधी बीएमसी का एक फैसला रद्द करने से इनकार कर दिया था.
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