ADVERTISEMENTREMOVE AD

यूपीः 70 लाख गबन की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने किया सरेंडर

पुलिस को चकमा देकर एंटी करप्शन कोर्ट में किया सरेंडर

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बरामदगी की रकम में से 70 लाख रुपये हड़पने की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और एक सिपाही ने गुरुवार को मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.

बता दें, इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लिंक रोड थाने की प्रभारी रहते हुए छह पुलिसकर्मियों के साथ लुटेरों से बरामद की गई एक करोड़ की रकम में से 70 लाख रुपये हड़प लिए थे. उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी होते ही लक्ष्मी चौहान और अन्य आरोपी फरार हो गए थे. इसके बाद से ही गाजियाबाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार कोशिशें कर रही थी. गुरुवार को गाजियाबाद पुलिस ने आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पुलिस को चकमा देकर एंटी करप्शन कोर्ट में किया सरेंडर

बता दें, घटना के बाद से ही इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और उनका साथ देने वाले छह सिपाही फरार चल रहे थे. गाजियाबाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तमाम कोशिशें की, लेकिन उनके हाथ खाली ही रहे.

पुलिस ने 7 नवंबर, गुरुवार को ही इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और 6 अन्य पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

इनामिया घोषित होने के कुछ ही घंटों में लक्ष्मी चौहान और एक अन्य आरोपी सिपाही ने पुलिस को चकमा देकर मेरठ के एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया. बता दें, लक्ष्मी चौहान ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज हो गई थी.

क्या है पूरा मामला?

लक्ष्मी चौहान और उनके साथ सस्पेंड हुए बाकी 6 पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन सबने मिलकर लुटेरों से बरामद करीब एक करोड़ की रकम में से 70 लाख रुपये गायब करने की कोशिश की.

मामले का भंडाफोड़ सीसीटीवी फुटेज और लुटेरों के बयान से हुआ. पूरे घटनाक्रम की पुष्टि गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुधीर कुमार सिंह ने की थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया था-

“करीब साढ़े तीन महीने पहले बैंक के एटीएम में रकम जमा कराने वाले कुछ कर्मचारियों ने करीब 3 करोड़ रुपये गायब कर दिए थे. उस वक्त एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. उस मामले की जांच जारी थी. 24 सितंबर, मंगलवार को आधी रात के वक्त, उसी पुराने मामले में राजीव और आमिर दो और आरोपियों को थाना लिंक रोड की महिला एसएचओ इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान की टीम ने पकड़ लिया. पुलिस की लिखा-पढ़ी में आरोपियों के कब्जे से बरामद रकम 30 लाख दर्ज की गई.” 

पूरे मामले के पर्दाफाश में जिला पुलिस अधिकारियों को शक हुआ. लिहाजा, आधी रात को एसएसपी गाजियाबाद ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी (सर्किल ऑफिसर) राकेश कुमार मिश्र से कराई. पकड़े गये लुटेरों ने क्षेत्राधिकारी की जांच में जो खुलासा किया वो, लिंक रोड थाना पुलिस के खुलासे से भी बड़ा निकला.

लिंक रोड थाना पुलिस सूत्रों ने बताया- “लुटेरों ने क्षेत्राधिकारी को बताया कि उनसे 30 लाख नहीं बल्कि करीब एक करोड़ रुपये, लिंक रोड पुलिस ने बरामद किए हैं. ऐसे में सवाल यह उठा कि आखिर बरामद हुई बाकी करीब 60-65 लाख की रकम कहां है?” 

क्षेत्राधिकारी की जांच के दौरान ही एक सीसीटीवी फुटेज देखा गया. एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह ने बताया, “उस फुटेज में लिंक रोड की थाना प्रभारी लक्ष्मी चौहान, कुछ अन्य लोगों के साथ रकम को खुद ही इधर से उधर करती हुई साफ-साफ दिखाई दे रही थीं.”

एसएसपी ने बताया, "पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका पाये जाने के चलते, लिंक रोड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान समेत 7 पुलिसकर्मियों को पहले लाइन हाजिर किया गया था. बाद में इन सबको निलंबित करके उच्च-स्तरीय जांच शुरू की गई."

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद ने बताया, "लुटेरों से बरामद लाखों रुपये हड़पने की कोशिश में एसएचओ के साथ सस्पेंड होने वालों में दारोगा नवीन पचौरी और पांच सिपाही बच्चू सिंह, फराज, धीरज, सौरभ, सचिन भी हैं."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×