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'बुल्ली डील्स': मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वाले इस ऐप के पीछे कौन लोग हैं?

अब तक मुंबई साइबर सेल ने इस मामले में कुल तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमे एक महिला भी है.

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भारत
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सुल्ली डील्स (Sulli Deals) मामले के बाद अब बुल्ली डील्स (Bulli Deals) ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है. मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करनेवाले इस ऐप के पीछे कौन है, इसकी तफ्तीश में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) सक्रिय हो गई है. जिसके बाद धीरे धीरे इस कांड की एक एक परते खुलने लगी हैं. अब तक मुंबई साइबर सेल ने इस मामले में कुल तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमे एक महिला भी है. आखिर कौन हैं ये लोग और क्या था इनका मकसद, यह हम आपको बताएंगे.

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श्वेता सिंह की परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर

सबसे पहले बात करते हैं इस मामले की मास्टर माइंड समझी जानेवाली श्वेता सिंह की. श्वेता महज 18 साल की है. वो उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले की निवासी है. श्वेता ने 12 वीं पास की है और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रही है. श्वेता के माता -पिता का देहांत हो चुका है. पिछले साल उसने अपने पिता को कोविड में खो दिया, तो वहीं मां की कैंसर से मौत हो गई. श्वेता की एक छोटी बहन और एक भाई है, जो स्कूल में पढ़ते हैं. एक बड़ी बहन है जिसने कॉमर्स में पढ़ाई की है. परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. उनके घर का खर्च भी वात्सल्य योजना से चलता है.

पुलिस जानकारी के मुताबिक श्वेता नेपाल के गीयू नाम के लड़के के संपर्क में थी जो उसे निर्देश दे रहा था. उसी ने श्वेता को फेक एकाउंट बनाने को कहा था. जिसके बाद श्वेता ने infinitude07 ट्विटर एकाउंट को बंद करके JattKhalsa07 नाम से एकाउंट खोला. इसी एकाउंट से मुस्लिम महिलाओं के फोटो बुल्ली ऐप हैंडल पर अपलोड किए गए थे.

दरअसल बंगलुरू में पढ़नेवाला 21 साल का विशाल कुमार झा श्वेता सिंह तक पहुंचने का जरिया बना. मुंबई पुलिस ने 3 जनवरी को देर रात विशाल को बंगलुरू के दयानंद सागर इंजिनीरिंग कॉलेज से धर दबोचा और उसे मुंबई लाया गया. मुंबई के बांद्रा कोर्ट में पेशी के बाद अब उसे 10 जनवरी तक कि पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. मुंबई में एक पीड़ित महिला की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस हरकत में आई. इस मामले से जुड़े 'बुल्ली बाई ऐप' और कुछ ट्विटर हैंडल्स को ट्रेस करते हुए पुलिस विशाल झा तक पहुंची.

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ट्विटर पर भड़काऊ मैसेज फैलाता था विशाल

बताया जा रहा है कि विशाल लंबे समय से ट्विटर पर भड़काऊ मैसेजे फैलाने में सक्रिय रहा है. वो कई फेक एकाउंट्स संचालित कर विशेष समुदाय के प्रति आपत्तिजनक पोस्ट करता था. जिसकी वजह से उसका एकाउंट ससपेंड भी कर दिया गया था. लेकिन वो फिर से नए एकाउंट के जरिये वही काम जारी रखता था. दरअसल, वो एक ऐसे ऑनलाइन समूह का हिस्सा था जो खुद को 'Trads' कहते हैं. पुलिस अब इन सभी अकाउंट्स को खंगालने में लगी हुई है.

इसके अलावा उत्तराखंड से एक और युवक मुंबई पुलिस की गिरफ्त में आया है. 21 साल के इस युवक का नाम मयंक रावत बताया जा रहा है. मुंबई पुलिस ने उसे कोटद्वार के निंबूचौड इलाके से गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक मयंक दिल्ली के एक कॉलेज में पढ़ता है.

इस पूरे मामले में काफी कम उम्र के लोग सामने आ रहे हैं. पुलिस को संदेह है कि इस ऑपरेशन को चलानेवाले प्रभावशाली लोग हैं. मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने बताया कि अब तक कि जांच में साफ हो रहा है कि बुल्ली ऐप के जरिये विशेष समुदाय की महिलाओं को टारगेट बनाकर उन्हें बदनाम करने का मकसद था. साथ ही इस ऐप और ट्विटर हैंडल्स को खालिस्तानियों से जोड़कर नफरत और हिंसा फैलाने की साजिश नजर आ रही हैं. इसे ज्यादा से ज्यादा वायरल करके समाज में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश स्पष्ट रूप से सामने आ रही है.

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