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औवेसी का भारत रत्न पर सवाल,कितने दलित-मुसलमानों को मिला ये सम्मान?

भारत रत्न को लेकर केंद्र सरकार की घोषणा के बाद योग गुरु बाबा रामदेव भी खुश नजर नहीं आए

Published
भारत
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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ‘भारत रत्न’ पर सवाल उठाया है. ओवैसी ने कहा है कि सवाल किया जाना चाहिए कि अब तक कितने दलित, आदिवासी और मुसलमानों को ये सम्मान दिया गया?

इतना ही नहीं ओवैसी ने कहा कि बाबा साहब (भीमराव अंबेडकर) को भी भारत रत्न दिल से नहीं, बल्कि मजबूरी में दिया गया था. ओवैसी रविवार को महाराष्ट्र में 'वंचित बहुजन सभा' को संबोधित कर रहे थे.

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मुझे ये बताओ कि जितने भारत रत्न के अवॉर्ड दिए गए, उसमें से कितने दलित, आदिवासी, मुसलमानों, गरीबों, अपर कास्ट और ब्राह्मणों को दिए गए? बाबा साहब को भारत रत्न दिया पर दिल से नहीं दिया, मजबूरी की हालत में दिया.’
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केंद्र सरकार ने इस बार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, संघ विचारक और बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक नानाजी देशमुख और प्रसिद्ध असमिया कवि और संगीतकार भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने की घोषणा की है. नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत मिलेगा.

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रामदेव ने भी उठाया था भारत रत्न पर सवाल

भारत रत्न को लेकर केंद्र सरकार की घोषणा के बाद योग गुरु बाबा रामदेव भी खुश नजर नहीं आए. हालांकि, उन्होंने अपनी नाराजगी साफ तौर पर नहीं दिखाई, लेकिन संतों को भी भारत रत्न देने की मांग की.

उन्होंने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 70 सालों में किसी भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला है. कई संन्यासी ऐसे हैं, जिन्होंने अभूतपूर्व कार्य किए हैं. चाहे वह महर्षि दयानंद सरस्वती हों या स्वामी विवेकानंद या फिर शिवकुमार स्वामी जी.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि भविष्य में किसी संन्यासी को भी भारत रत्न दिया जाए.

रामदेव ने मदर टेरेसा को भारत रत्न दिए जाने पर कहा, 'मदर टेरेसा को (भारत रत्न) दे सकते हैं, क्योंकि वह ईसाई थीं, लेकिन संन्यासी को नहीं दे सकते, क्योंकि वो हिंदू हैं. इस देश में हिंदू होना गुनाह है क्या?’

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