राजकोट से दिल्ली (Delhi) आ रही एयर इंडिया (Air India) फ्लाइट में सवार होने के बाद रविवार रात राजकोट हवाई अड्डे पर तीन बीजेपी (BJP) सांसदों सहित लगभग 100 यात्री फंसे हुए थे. पायलट ने उड़ान भरने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसकी ड्यूटी का समय खत्म हो चुका था. यात्री दो घंटे तक इंतजार करते रहे. आखिरकार उड़ान रद्द कर दी गई और फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई.
घटना रविवार देर शाम की है जब यात्री रात करीब 8.30 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट में चढ़े. फंसे हुए यात्रियों में राजकोट के सांसद मोहन कुंडारिया, जामनगर की सांसद पूनम मदाम और नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद केसरी देव सिंह झाला शामिल थे.
बीजेपी सांसद मोहन कुंडारिया ने कहा कि
"पायलट ने यह कहते हुए विमान उड़ाने से इनकार कर दिया कि उसकी ड्यूटी के घंटे खत्म हो गए हैं. हम दो घंटे तक विमान में ही बैठे रहे और उसके उड़ान भरने का इंतजार करते रहे. हमने दिल्ली में अधिकारियों से भी बात की और स्थिति के बारे में शिकायत की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि पायलट ने कहा कि वह आगे उड़ान भरने के लिए बहुत थका हुआ था. आखिरकार, हम रात करीब 10.30 बजे विमान से उतर गए."मोहन कुंडारिया, बीजेपी सांसद
बाद में एयरलाइन ने फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की.
सांसद ने कहा कि...
"एयरलाइंस ने यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ने में मदद करने के लिए अहमदाबाद के लिए टैक्सियों की व्यवस्था करने की पेशकश की. इसने उन लोगों को पूर्ण रिफंड की भी पेशकश की जो अपनी उड़ान टिकट रद्द करना चाहते थे और उन लोगों को होटल में ठहराने की पेशकश की, जिन्हें सोमवार को पुनर्निर्धारित उड़ानों में उड़ान भरने में कोई आपत्ति नहीं थी. लगभग 100 यात्रियों में से सात को कहीं और से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पकड़नी थीं."
बीजेपी सांसद ने कहा कि "मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 जुलाई को निर्धारित राजकोट यात्रा के सिलसिले में दिल्ली जाना था और मेरे पास सोमवार के लिए राजकोट की वापसी का टिकट था. लेकिन चूंकि फ्लाइट उड़ान नहीं भर सकी, इसलिए मुझे अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी.
एयर इंडिया ने कहा कि शेष यात्रियों को होटल आवास की पेशकश की गई, उनकी बुकिंग को उनकी इच्छा के अनुसार पुनर्निर्धारित किया गया और उन्हें रद्दीकरण के खिलाफ पूरा रिफंड मिला. सांसद कुंदरिया ने अफसोस जताते हुए कहा कि...
"उड़ान मूल रूप से रविवार शाम 7.30 बजे उड़ान भरने वाली थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से राजकोट में उतरी. यह समझ में आता है कि उड़ान के आगमन में कभी-कभी देरी होती है और परिणामस्वरूप प्रस्थान में भी देरी होती है. मैं पिछले 10 वर्षों से राजकोट से दिल्ली के लिए उड़ान भर रहा हूं. हालांकि, मुझे कभी भी ऐसी स्थिति से नहीं जूझना पड़ा."
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