सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की सात कर्मचारी यूनियनों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है. यूनियन ने पत्र लिखकर चेताया है कि अगर नीति आयोग के एयर इंडिया के निजीकरण के प्रस्ताव को अनुमति दी जाती है तो वो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू को 14 जून को लिखे एक पत्र में यूनियनों ने उनसे एयर इंडिया के भविष्य को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में बातचीत करने के लिए मिलने का समय मांगा है.
उन्होंने सरकार की शीर्ष नीति निर्माता इकाई की इस एकतरफा और मनमानी सिफारिश का विरोध करते हुए कहा कि आयोग निजी क्षेत्र के प्रवक्ता की भाषा बोल रहा है.
एयर इंडिया का खस्ता हाल
नीति आयोग ने पीएमओ को एयरलाइन के पूर्ण निजीकरण का सुझाव दिया है. जिसका विरोध एयर इंडिया के कर्मचारी शुरू से कर रहे हैं.
केंद्र सरकार ने खस्ता हाल हो रहे एयर इंडिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए नीति आयोग को एक रोड मैप तैयार करने को कहा था, जिसके बाद नीति आयोग ने बताया है कि वो घाटा देने वाली एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की तरफ आगे बढ़े, जिससे कि बचा हुआ पैसा स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे जरूरी क्षेत्रों में खर्च किया जा सके.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी एयर इंडिया के विनिवेशकरण को सही ठहराते हुए कहा था कि उसका बाजार में महज 14 फीसदी हिस्सेदारी है और उस पर 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज है.
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