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अलीगढ़ में दलित महिला के कपड़े उतारने का आरोप, गांव के ही दबंगों पर केस दर्ज

Aligarh: इस मामले को लेकर कुछ राजनीतिक दलों ने पीड़ितों से मुलाकात की.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ में खेतों में पानी डालने के विवाद में दो पक्षों में झगड़ा हो गया. आरोप है कि झगड़े के बाद दबंग पक्ष के लोगों ने अनुसूचित जाति के लोगों के साथ मारपीट, फायरिंग की और एक महिला को निर्वस्त्र कर दिया. पीड़ित पक्ष की तरफ से थाना हरदुआगंज में आरोपी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.

मामले में पुलिस ने धारा 323, 504, 506, 354 (ख), 307 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के तहत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

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दूसरी ओर इस केस के लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. कुछ राजनीतिक दलों के लोगों का आना भी पीड़ित परिवार के पास शुरू हो गया है.

क्या है पूरा मामला?

दलित परिवार के लोगों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जब उनके भतीजे खेतों पर नहर के सरकारी कोलावे से पानी लगा रहे थे. इस दौरान गांव का ठाकुर जाति का दबंग विनय, उसका बेटा, विनय का पिता सभी लोग अपने हाथों में फावड़ा, डंडा, रायफल लेकर आए और नहर का पानी काटने लगे. इसका विरोध किया गया तो उन्होंने मारपीट शुरू कर दी, फायरिंग भी की और जाति सूचक शब्दों से अपमानित भी किया.

चीख पुकार सुनकर दलित परिवार के और लोग महिलाओं के साथ मौके पर पहुंचे तो विनय ने महिला की टांग पकड़ कर खींचते हुए निर्वस्त्र कर दिया. उसके बाद धमकी देता हुआ वहां से चला गया. पुलिस ने पड़ित पक्ष की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है.

मामले में पीड़िता ने बताया कि

हमारे साथ घटना हुई है, मुझे निर्वस्त्र किया है. पानी काटने नहीं दिया उन्होंने, पूरी रात पानी लिया. हमने कहा कि 2 घंटे का पानी हम लेंगे तो उन्होंने लेने नहीं दिया और कहा कि धोबी पानी लेगा और हमको पानी नहीं भरने दिया.

उन्होंने आगे कहा कि वो हमारे बच्चों के ऊपर टूट पड़े, हमने बचाया तो कहा कि हम इनको जान से मार कर जाएंगे.

पीड़िता के देवर देवर ने बताया कि हम सुबह पानी काटने गए तो हमें बीलू ने नहर से पानी नहीं काटने दिया गया. इस दौरान सीधा हम पर फावड़े से वार किया और फिर अपने घर से और लोगों को लेकर आया. उन्होंने अपने भाई कोमल को और बेटा टैनु, अपने पिता मनवीर सिंह को साथ लाकर मारपीट की. उसके बाद फिर विनय रायफल निकाल कर लाया और सीधा फायर किया, फायर मिस हो गया था.

उन लोगों ने हमें धमकी देते हुए कहा कि तुझे जान से मार देंगे. भाभी के साथ मेरे बच्चों को जान से मारने को कह रहे थे. भाभी ने उनको हाथ जोड़कर कहा कि हमारे बच्चों को मत मारो तो, उन्हें खींचकर निर्वस्त्र कर दिया और धान के खेत में धकेल दिया.
देव प्रकाश, पीड़िता का देवर

घटना के बाद पीड़ित परिवार से मिलने राजनीतिक लोगों का आना भी शुरू हो गया है. बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के पूर्व मंत्री और वर्तमान में आजाद समाज पार्टी (ASP) से जुड़े नेता चौधरी महेंद्र सिंह भी पीड़ितों से मिलने उनके घर पहुंचे.

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मीडिया से बात करते हुए महेंद्र सिंह ने कहा कि मैं आज इस गांव माछुआ में खड़ा हुआ हूं, जो पीड़ित परिवार है अनुसूचित जाति का, उनके साथ ज्यादती हुई है. जैसा इन्होंने बताया 2 बच्चे इनके एडमिट हैं, उनके काफी चोट लगी है और इस परिवार की जो मां, बहन, बेटियां हैं उन्होंने भी अपनी आपबीती बताई है.

इससे लगता है कि यह अमानवीय कृत्य है, असंवैधानिक है, असामाजिक है. अगर आप अपने अधिकार की बात कहते हैं, उन्होंने अपने बार पर पानी की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हमारा खेत सूख जाएगा, हमें पानी नहीं मिलेगा. इतना कसूर है वह जो इनके साथ हुआ है, वह ठीक नहीं है, वह निंदनीय है.
महेंद्र सिंह, नेता, आजाद समाज पार्टी
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मौजूदा सरकार की कारगुजारी पर सवाल खड़े करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही.

इस मामले पर अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पलाश बंसल ने बताया कि 26 जुलाई को थाना हरदुआगंज में सूचना मिली थी. दो पक्षों में सिंचाई के पानी को लेकर विवाद हुआ. विवाद को लेकर एक पक्ष के 2 लोगों को सिर में चोट आई है, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. थाने में समुचित धाराओं में केस दर्ज किया जा चुका है. दो टीमें लगी हुई हैं.

(इनपुट- मुकेश गुप्ता)

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