पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में अपनी आवाज को दबाने का आरोप लगाया है. वहीं वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि बैठक के दौरान मित्रा की कनेक्टिविटी भी खराब थी.
सीतारमण को लिखे खत में मित्रा ने कहा, "मैं बहुत नाराजगी के साथ यह खत लिख रहा हूं. आज की जीएसटी परिषद की बैठक के आखिर में आपने अपनी टिप्पणी में मेरा नाम लेते हुए मेरी टिप्पणियों का संदर्भ लिया. लेकिन आपकी बात के जवाब में बोलने की अपील के बावजूद मुझे बोलने नहीं दिया गया. इसके बजाए आपने उस दौरान उत्तरप्रदेश के वित्तमंत्री को मंच दे दिया, जिन्होंने मेरी कुछ टिप्पणियों को डिलीट करने की अपील की और हैरान करने वाली बात यह रही कि आपने उनसे सहमति जताई."
मित्रा के आरोपों का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई और इस तरह के दावे करना मित्रा को शोभा नहीं देता.
अनुराग ठाकुर ने कहा- "जीएसटी परिषद की बैठक में वित्तमंत्री ने कभी असहमति को दबाया नहीं है. जबकि ऐसे आरोप लगाना परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य को शोभा नहीं देता. जीएसटी परिषद सभी राज्यों की आपस में स्वस्थ्य बहस की एक सामूहिक भावना का प्रतिनिधित्व करती है. अब तक परिषद ऐसा करती आई है और आगे भी ऐसा करती रहेगी."
ठाकुर ने यह भी कहा कि मीटिंग के दौरान मित्रा की कनेक्टिविटी अच्छी नहीं थी. राजस्व सचिव लगातार उन्हें बताते रहे कि उनकी लाइन टूट रही है और उनकी आवाज ठीक से सुनाई नहीं दे रही है. ठाकुर के मुताबिक राजस्व सचिव ने उनसे अच्छी कनेक्टिविटी के लिए वीडियो को बंद करने को भी कहा.
अनुराग ठाकुर ने आगे सफाई में कहा कि उत्तरप्रदेश के वित्तमंत्री जब बोल रहे थे, तो किसी ने भी मित्रा को बोलते नहीं सुना और ना ही उन्होंने अपने विचार रखने की मांग की. दूसरे सदस्य इस बात की पुष्टि कर सकते हैं.
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