गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा के बाद नागरिकता संशोधन बिल को राज्यसभा में रखा. इस बिल पर शुरुआती भाषण देते हुए अमित शाह ने कहा कि हमने अपने घोषणा पत्र में ये वादा किया था और लोगों ने उसी घोषणा पत्र पर हमें जनादेश दिया. इसीलिए अब हम अपना वादा पूरा करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिल में असम के लोगों का खयाल रखा जाएगा. जानिए अमित शाह के भाषण की 10 बड़ी बातें
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- बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इस बिल के बारे में घोषणा की थी, देश की जनता के सामने पहले ही इरादा रख दिया था.
- आजादी के बाद जो भी इन धर्मों के लोग यहां आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाएगी
- ये अफवाह फैलाई गई कि बिल मुस्लिमों के खिलाफ है. मुस्लिम देश के नागरिक हैं वो रहेंगे. क्या आप चाहते हैं कि पाकिस्तान से जो मुसलमान आए हैं उन्हें नागरिक बना दें? पूरी दुनिया से मुसलमान आएंगे तो उन्हें नागरिकता कैसे दी जा सकती है.
- ये बिल निश्चित धर्म के लिए है. इसमें तीन देशों के अल्पसंख्यकों को ही नागरिकता देने का प्रावधान है.
- किसी भी मुसलमान को चिंता करने की जरूरत नहीं है. ये नरेंद्र मोदी सरकार है इसमें अल्पसंख्यकों को पूरा प्रोटेक्शन मिलेगा.
- जो प्रवासी पासपोर्ट, वीजा के बगैर या जिनका वीजा खत्म हो चुका है, उन्हें फिलहाल अवैध माना जाता है. इसके लिए हम एक प्रावधान लेकर आए हैं. अब उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा.
- नागरिकता अधिनियम की नई धारा के मुताबिक प्रवासी निर्धारित की गई शर्तों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो वो भारत की नागरिकता ले पाएंगे.
- अगर ये प्रवासी नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 या तीसरे शेड्यूल की शर्तें पूरा करने के बाद नागरिकता प्राप्त करते हैं तो उन्हें उसी तारीख से नागरिकता दी जाएगी जब वो भारत आए थे.
- अगर प्रवासी पर घुसपैठ का कोई भी केस चल रहा है तो इस नए संशोधन के बाद ऐसे सभी केस वहीं खत्म हो जाएंगे.
- उत्तर पूर्व के असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर भी नोटाफाई हो चुका है. इनर लाइन परमिट के इलाकों में ये बिल लागू नहीं होगा. जनजातीय इलाकों पर ये बिल लागू नहीं होगा.
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टॉपिक: अमित शाह नागरिकता नागरिकता कानून
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