गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि उन्हें किसानों का ये आंदोलन ‘राजनीतिक' नहीं लगता है. उन्होंने हैदराबाद में कहा कि आंदोलन के लिए न उन्होंने कभी ऐसा कहा है और न ही अब कह रहे हैं.
मैं इतना साफ करना चाहता हूं कि तीनों बिल किसानों के भले के लिए है. राजनीतिक विरोध जिन्हें करना है वो कर सकते हैं. मैंने किसानों के प्रोटेस्ट को कभी राजनीतिक नहीं कहा और न ही कहना चाहता हूं.अमित शाह
अब देश के गृहमंत्री और बीजेपी के सबसे बड़े नेता शाह को तो ऐसा नहीं लगता है, लेकिन हरियाणा के सीएम खट्टर समेत बीजेपी के तमाम नेताओं को इस आंदोलन में कभी साजिश का एंगल तो कभी खालिस्तान का एंगल भी दिख रहा है.
जब आंदोलन दिल्ली तक पहुंच गया तो केंद्रीय कृषि मंत्री कह रहे थे कि सरकार किसान यूनियन से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उनको 3 दिसंबर का आमंत्रण भेजा गया है, रास्ता निकाला गया है. लेकिन कृषि मंत्री को ऐसा भी लगता है कि किसानों के नाम पर सियासत हो रही है.
सिर्फ केंद्रीय मंत्री ही नहीं बीजेपी के कई नेताओं को इस प्रदर्शन में ‘साजिश’ का एंगल दिखता है. कुछ को खालिस्तान का एंगल तो किसी को कांग्रेस प्रायोजित प्रदर्शन लगता है.
वो कांग्रेस जिसकी रैलियों में भीड़ तक को बीजेपी के नेता नकार देते हैं, अब कई नेता दलील दे रहे हैं कि उसी कांग्रेस के बल पर इतना बड़ा प्रदर्शन हो रहा है, ये भी दिलचस्प बात है.
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित है और इनका लिंक खालिस्तान से भी है.
यूपी में योगी सरकार के वन और पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा इस प्रदर्शन को सही नहीं मानते हैं और कहते हैं कि ये प्रदर्शन करने वाले किसान नहीं, बल्कि गुंडे हैं. किसान तो अपने काम में लगा है. चंद लोग एकत्र होकर उनको गुमराह करने के प्रयास में लगे हुए हैं.
यूपी के ही डिप्टी सीएम को प्रदर्शन में कांग्रेस का एंगल लगता है. वो कहते हैं कि कांग्रेस किसानों को भ्रमित कर रही है और कांग्रेस अपने कार्यकाल में किसानों का शोषण करती आई है.
बीजेपी नेता अमित मालवीय को लगता है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आग से खेल रहे हैं.
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