राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के बाद अब सेना चीफ जनरल बिपिन रावत जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं. सेना प्रमुख आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पहली बार श्रीनगर पहुंचेंगे. जनरल बिपिन रावत यहां पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लेंगे. रावत तब श्रीनगर पहुंच रहे हैं जब कुछ हद तक हालात सामान्य हो चुके हैं.
घाटी में सरकार के बड़ फैसले के बाद से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. पाबंदियों पर भले ही थोड़ी नरमी बरती गई हो, लेकिन सुरक्षा अभी भी कड़ी है. ऐसे में आर्मी चीफ का दौरा भी सुरक्षा व्यवस्थाओं की निगरानी के तौर पर देखा जा रहा है.
रोज हो रहा सीजफायर उल्लंघन
आर्मी चीफ बिपिन रावत श्रीनगर में सेना के बड़े अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं. इस मौके पर पाकिस्तान की तरफ से रोज तोड़े जा रहे सीजफायर पर भी चर्चा संभव है. बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले 25 दिनों में 200 से भी ज्यादा बार सीजफायर उल्लंघन किया है. पाकिस्तान की तरफ से ऐसे फायरिंग कर भारतीय जवानों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जाती है, इसकी आड़ में आतंकी घुसपैठ की कोशिश करते हैं.
इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल भी जम्मू-कश्मीर में जमीनी तौर पर मौजूद रहे थे. आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से ही डोभाल ने वहां डेरा जमा लिया था. उन्होंने इस दौरान कई दिनों तक सेना के अधिकारियों और स्थानीय लोगों से भी बातचीत की.
लद्दाख में गरजे थे राजनाथ
आर्मी चीफ के दौरे से ठीक एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लद्दाख दौरे पर थे. राजनाथ सिंह ने लेह में 26वें ‘किसान-जवान- विज्ञान’ मेले का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को जमकर आड़े हाथों लिया. रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा, 'कश्मीर को लेकर राग अलापने की जरूरत नहीं है. जो कुछ भी पीओके में जनता के साथ अत्याचार हो रहा है. पाकिस्तान को उसकी चिंता करनी चाहिए. मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि कश्मीर कब पाकिस्तान का हो गया? क्यों कश्मीर को लेकर रोते रहते हो. कश्मीर कब पाकिस्तान का था? कश्मीर पर बयानबाजी की जरूरत नहीं है.'
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