वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल सौदे में दाम बढ़ने संबंधी एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया और उसे ‘‘बकवास'' अंकगणित पर आधारित बताया. जेटली ने शुक्रवार शाम लगातार कई ट्वीट किए और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद कीमतों की जांच की है और अब सीएजी इसकी जांच कर रहा है.
हिंदू अखबार ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि मोदी सरकार की डील में राफेल का सौदा 14% महंगा पड़ा क्योंकि भारतीय जरूरत के हिसाब से डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए दसॉ ने प्रति विमान 41 परसेंट ज्यादा रकम तय की है.
पूरी खबर यहां पड़ें- ‘मोदी सरकार ने राफेल 41% महंगे भाव पर खरीदा’,रिपोर्ट का दावा
जेटली के मुताबिक राफेल पर आई नई रिपोर्ट बकवास अंकगणित पर आधारित है.
2007 में नहीं हुए सौदे की दाम वृद्धि को दरकिनार करिए और 2016 के दामों से इसकी तुलना करके एक घोटाला का अविष्कार करिए.अरुण जेटली, वित्तमंत्री
गौरतलब है कि जेटली का बयान ‘द हिंदू' दैनिक में प्रकाशित एक लेख के बाद आया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 126 लड़ाकू विमानों की बजाय 36 विमान खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की वजह से प्रत्येक विमान की कीमत में 41.42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
राफेल पर क्या कहती है ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट?
राफेल की खरीद पर पर्दे के पीछे एक्शन पर ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट चौंकाने वाली हैं, जो कहती है कि कहने को तो दसॉ ने हर विमान के दाम में 9 परसेंट डिस्काउंट के बाद 9 करोड़ यूरो कर दिया. लेकिन दसॉ ने राफेल में भारत की जरूरतों के मुताबिक उपकरण और टेक्नोलॉजी फिट करने के दाम 1.1 करोड़ यूरो से बढ़ाकर 3.6 करोड़ यूरो कर दिए. साथ ही टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी नहीं किया.
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