भारत की आशा कार्यकर्ताओं को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 22 मई को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉर्ड-2022 से सम्मानित किया. आशा स्वयंसेवकों को यह सम्मान ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ अभियान में उनकी भूमिका के लिए दिया गया है.
WHO ने भारत की 10 लाख महिला आशा कार्यकर्ताओं को, लोगों को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सम्मानित किया गया.
पीएम मोदी ने आशा कार्यकर्ताओं को मिले इस सम्मान पर खुशी जताते हुए सोशल मीडिया पर बधाई दी है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्विटर पर लिखा है-
आशा कार्यकर्ताओं की पूरी टीम को Director-General's Global Health Leaders अवॉर्ड से सम्मानित होना हम सभी के लिए गर्व का विषय है. यह गौरव 'स्वस्थ भारत' के संकल्प के प्रति आप सभी की अटूट प्रतिबद्धता को प्रकट करता है. स्वस्थ भारत का आधार बनीं सभी आशा कार्यकर्ताओं को बधाई.
कोविड की दूसरी लहर में जान पर खेलकर किया था काम
कोविड की दूसरी लहर के दौरान जब पूरा देश घर में अपनी जान बचाने के लिए आराम से बैठा था, उस दौरान आशा वर्कर देश के दूर-दराज के इलाकों में घर-घर जाकर लोगों की मदद कर रही थीं.
आशा ग्रामीण भारत में रक्षा की फ्रंट लाइन वर्कर है. कोरोना महामारी के दौरान ग्रामीणों का सर्वे करने और उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने का काम करने वाली, उत्तर प्रदेश के आशा वर्कर प्रति माह 2,200 रुपये की मामूली राशि के बदले में हर दिन अपनी जान जोखिम में डालती रहीं.
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