राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने झारखंड में चुनाव के पांच चरणों में होने पर सवाल उठाए हैं. गहलोत ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में पांच चरणों में चुनाव करवाने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार की मंशा के मुताबिक काम करने का आरोप लगाया.
चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि झारखंड में चुनाव पांच चरणों में होंगे.... आखिर झारखंड के चुनावों को हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ क्यों नहीं करवाया गया? औक इतने छोटे राज्य में पांच चरणों में चुनाव? चुनाव आयोग अब केंद्र सरकार के इशारे पर नाच रहा है और कोई सवाल उठाने वाला नहीं है.अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गहलोत ने कालेधन को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार से राज्य प्रायोजित चुनाव पर विचार करने की मांग की.
महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस ने नहीं लगाया दम
गहलोत ने माना कि हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस हार की मानसिकता के साथ चुनाव लड़ी थी. उन्होंने इसके लिए स्थानीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया.
मैं मानता हूं कि हमें महाराष्ट्र और हरियाणा में जिस उत्साह के साथ प्रचार करना चाहिए था, हमने वैसा नहीं किया. अगर हमने वैसा किया होता तो नतीजे अलग होते. स्थानीय नेतृत्व को दम दिखाना था. उन्हें चुनाव में यह कहकर उतरना था कि हमारे सामने जो भी आएगा, हम बस अपना कर्तव्य करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
गहलोत ने आगे कहा कि, 'जब ऐसा माहौल बनता है तो केंद्रीय नेतृत्व भी प्रचार के लिए जाने से कतराता है. वह तभी जाता है जब मांग होती है. उस वक्त ऐसा माहौल था कि हम चुनाव हार रहे हैं.'
अशोक गहलोत ने आरएसएस पर संविधान के शासन से अलग अपना राज चलाने का आरोप लगाया. उन्होंंने यह भी कहा कि आज मीडिया बेहद दबाव में है और इसे चलाने वालों को एजेंसियों की रेड के साये में रहना पड़ता है.
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