असम में पांच चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने पाया कि एक बूथ पर 171 वोट डाले गए थे, जबकि योग्य वोटर सिर्फ 90 ही थे. इसके बाद आयोग ने कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
दीमा हसाओ जिला चुनाव अधिकारी ने 107(A) खोतलिर लोअर प्राइमरी स्कूल पोलिंग बूथ पर दोबारा चुनाव का भी आदेश दिया है. ये बूथ हाफलौंग विधानसभा क्षेत्र में आता है. इस बूथ पर 1 अप्रैल को दूसरे चरण में चुनाव हुआ था.
मुख्य चुनाव केंद्र मोलदम लोअर प्राइमरी स्कूल था. ये बूथ एक ऑक्सिलरी पोलिंग स्टेशन था.
किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?
जिला चुनाव अधिकारियों ने निलंबन का आदेश 'कर्तव्य की उपेक्षा' का हवाला देते हुए दिया. आदेश 2 अप्रैल को पास किया, लेकिन ये 4 अप्रैल की शाम को सामने आया.
जिन चुनाव अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है, वो हैं- सेक्टर अफसर, प्रिसाइडिंग अफसर, फर्स्ट पोलिंग अफसर, सेकंड पोलिंग अफसर और थर्ड पोलिंग अफसर.
एक जिला अधिकारी ने कहा, "पोलिंग अधिकारीयों ने बताया कि जो गांववाले बूथ पर वोट देने आए थे, वो अपने साथ वोटरों की एक लिस्ट लाए थे."
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, "गांववालों ने चुनाव अफसरों की लिस्ट मानने से मना कर दिया और अपनी लिस्ट के हिसाब से वोट देकर चले गए."
जिले के अधिकारियों ने ये साफ नहीं किया कि चुनाव अफसरों ने गांववालों को ऐसा क्यों करने दिया.
हाफलौंग विधानसभा क्षेत्र में 74 फीसदी मतदान हुआ था. ये 39 विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण के औसत 80.96% मतदान से कम है.
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