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असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का अंतिम ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है. 40 लाख लोग नागरिकता से बाहर हो गए हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गंभीर ऐतराज जताया है. उनका कहना है कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट भी है, लेकिन फिर भी उनका नाम लिस्ट में नहीं है. सरकार जबरन लोगों को देश से निकालना चाहती है.
NRC के आखिरी ड्राफ्ट पर मचे हो-हल्ले के बीच जानते हैं इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें.
- सिटिजनशिप एक्ट 1955 में संशोधन के बाद हर नागरिक के लिए अपने आप को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस यानी NRC में रजिस्टर्ड कराना जरूरी बनाया गया है.
- असम में अवैध तरीके से रहने वाले लोगों की पहचान कर उनको वापस भेजने के मकसद से असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस तैयार किया गया है. इस रजिस्टर में उन लोगों के नाम होंगे जो भारत के नागरिक माने जाएंगे.
- रजिस्टर में नाम दर्ज कराने के लिए कटऑफ डेट है 25 मार्च 1971. यानी वो लोग जो खुद, उनके माता-पिता या पूर्वज इस तारीख के पहले से असम में रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिक माना जाएगा. इसके लिए उन्हें दस्तावेजों के जरिए साबित करना होगा कि वो वैध तरीके से असम में रह रहे हैं.
- बांग्लादेश बनने के बाद 1972 में सरकार ने ऐलान किया कि भारत में 25 मार्च 1971 तक आए बांग्लादेशियों को रहने की इजाजत दी जाएगी, इस तारीख के बाद आए बांग्लादेशियों को वापस भेजा जाएगा.
- NRC का पहला ड्राफ्ट 31 दिसंबर, 2017 को जारी किया गया था. लिस्ट में 1.9 करोड़ लोगों को वैध नागरिक के रूप में मान्यता दी गई थी.
- 30 जुलाई को इसका फाइनल ड्राफ्ट भी जारी किया गया है. इसके मुताबिक, कुल आवेदन करने वाले 3.29 करोड़ लोगों में 2.89 करोड़ लोग वैध नागरिक पाए गए हैं. करीब 40 लाख लोग नागरिकता से बाहर हो गए हैं.
- NRC में जिन लोगों के नाम नहीं है वो संबंधित NRC सेवा केंद्र में जाकर एक बार फिर आवेदन कर सकते हैं. ये फॉर्म 7 अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे. अधिकारियों को बताना होगा कि ड्राफ्ट में नाम क्यों छूट गया.
- NRC की लिस्ट में अपना नाम चेक करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें, और अपना एप्लीकेशन रिसिप्ट नंबर (ARN) एंटर कर जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा टोल फ्री नंबर-18003453762 पर भी NRC से जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है. ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि 40 लाख लोगों में से कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट भी है, लेकिन फिर भी उनका नाम लिस्ट में नहीं है. सरकार जबरन लोगों को देश से निकालना चाहती है. लेकिन असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के मुताबिक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन किया जाएगा.
- देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि कुछ लोग बिना वजह ही इस लिस्ट के आधार पर भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ये कोई फाइनल लिस्ट नहीं बल्कि ड्राफ्ट है.
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टॉपिक: असम NRC असम की नागरिकता
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