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460 किमी दूरी तय कर कैंसर मरीज को दवा पहुंचाने पहुंचा कांस्टेबल

उमेश कई वर्षों से इस दवा को ले रहा है और इसके बिना उसकी स्थिति तेजी से बिगड़ जाती है.

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भारत
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पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस और इससे हो रही परेशानियों को लेकर लोगों के बीच निराशा है, लेकिन अब अधिकांश लोग इसके आदी हो गए हैं. हालांकि कुछ लोग इस संकट के समय भी लोगों की मदद खड़े हो रहे हैं और बिना सोचे दूसरों की मदद के लिए निकल पड़ते हैं. ऐसी ही एक घटना बेंगलुरु में हुई, जहां एक पुलिस कांस्टेबल 460 किलोमीटर की दूरी तय कर एक कैंसर मरीज को जीवन दवा देने के लिए पहुंच गया.

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बेंगलुरु में केंद्रीय सशस्त्र रिजर्व (CAR) में तैनात कांस्टेबल एच कुमार स्वामी ने 9 अप्रैल को एक कन्नड़ टीवी शो में उमेश नाम के शख्स को देखा था जो कैंसर की दवा खरीदने के लिए मदद मांग रहा था, जिसके बाद से ही कांस्टेबल उमेश की मदद करना चाहते थे.

47 साल के एच कुमार स्वामी बेंगलुरु से धारवाड़ तक 460 किलोमीटर की मुश्किल यात्रा 9 घंटे में पूरी की और दवा लेकर उमेश के पास पहुंच गए. कांस्टेबल स्वामी ने बताया कि,

“मैंने देखा कि उमेश पिछले गुरुवार को एक शो में आया था और अपनी दवाइयों के लिए मदद मांग रहा था. ये मुझे वास्तव में छू गया और मैंने सोचा कि मुझे किसी तरह से इस आदमी की मदद करनी चाहिए. दवाएं केवल बेंगलुरु में उपलब्ध थीं, इसलिए मुझे लगा कि मैं उनकी मदद कर सकता हूं.”

उमेश के बारे में ली जानकारी

स्वामी अगले ही दिन यशवंतपुर में चैनल के ऑफिस में गए और वहां से उमेश के बारे में और उनका नंबर लिया. इसके बाद उमेश से जानकारी ली की वह दवा कहां से ले सकता है.

स्वामी ने कहा, उमेश की दवा पिछले शुक्रवार रात तक के लिए ही थी. मैंने उनसे ऑनलाइन ऑर्डर करने को कहा और मैं कैंब्रिज लेआउट में डीईएस केंद्र गया और वहां से दवा ली.. उन्होंने कहा ये अच्छा था कि मैं उसी दिन गया क्योंकि अगले दिन ऑफिस अगले कुछ दिनों के लिए बंद होनेवाला था.

स्वामी ने बताया, उमेश कई वर्षों से इस दवा को ले रहा है और इसके बिना उसकी स्थिति तेजी से बिगड़ जाती है. अगर वह दवा नहीं लेता तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ता. उन्होंने आगे कहा,

मेरे पास आधिकारिक छुट्टी नहीं थी. मैं सप्ताह में छह दिन ऑफिस में काम करता हूं और मुझे शनिवार को जाना था. लेकिन मेरे एसपी ने मुझे इस काम के लिए स्पेशल छुट्टी दी.

स्वामी 460 किलोमीटर तय कर पहुंचे धारवाड़

स्वामी 11 अप्रैल को सुबह 4.30 बजे अपने घर विजयनगर से निकले और 9 घंटे में 460 किलोमीटर की कठिन यात्रा करने के बाद धारवाड़ के बस स्टैंड पहुंचे, जहां उन्होंने उमेश और उनके परिवावालों से मुलाकात की.

स्वामी ने कहा, मैं लंबे समय से पुलिस में काम कर रहा हूं. हम सभी की मदद नहीं कर सकते, लेकिन ये मेरे नियंत्रण में था इसलिए इसे मैंने पूरा किया.

उन्होंने बताया, दवा पहुंचाने के बाद वह 200 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग चले गए. एक ही दिन में 800 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद उन्होंने कुछ घंटे आराम किया और रविवार को वह वापस घर लौट गए.

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