बेंगलुरू का केआर सर्कल अंडरपास, जो 21 मई के दिन एक 22 साल के आईटी प्रोफेशनल भानु रेखा (Bhanu Rekha) की मौत का वजह बना, ये बेंगलुरू के असुरक्षित ट्रैफिक रूट्स का उदाहरण है. बीबीएमपी (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike) के अंदर करीब 53 अंडरपास है, जो शहर में हल्की से भारी बारिश के दौरान ही भर जाते हैं, जिससे आम लोगों को परेशान तो होती ही है साथ ही कभी-कभी यात्रियों के लिए खतरा इस हद तक बढ़ जाता है कि ये बड़े हादसे में भी तब्दील हो जाता है.

बीबीएमपी के पास केआर सर्किल सहित अंडरपास में बाढ़ को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है.
अंडरपास की कभी न थमने वाली समस्या
बीबीएमपी जूनियर ग्रेड इंजीनियर, जो हर मॉनसून के मौसम से पहले अंडरपास का निरीक्षण करते हैं, उन्होंने द क्विंट को बताया कि बेंगलुरू को पूरी Motion Sensitive Warning System की आवश्यकता है. साथ ही हर साल अंडरपास के रख-रखाव के लिए मौजूदा नालियों की नियमित मरम्मत होनी चाहिए, जिससे ऐसे हालात पैदा ही ना हों.
बता दें, हर साल बारिश से पहले बेंगलुरु के अंडरपास का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है, और उसकी रिपोर्ट निगम के इंजीनियर-इन-चीफ को सौंपी जाती है. हालांकि, इन रिपोर्टों ने बार-बार जल-जमाव की समस्या की ओर इशारा किया है, लेकिन सिर्फ समस्या को जानना ही काफी नहीं है, उसके समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए.
उदाहरण के लिए, भानु रेखा की मृत्यु के बाद, बीबीएमपी इंजीनियर-इन-चीफ बीएस प्रह्लाद ने तीन पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें मुख्य रूप से केआर सर्कल अंडरपास के आसपास बूम बैरियर बनाने की सिफारिश की गई थी, बूम बैरियर बाढ़ की स्थिति में वाहनों के आवागमन को अंडरपास में जाने से रोकते हैं.
उदाहरण के लिए, इंफोसिस टेक्नी भानु रेखा की मृत्यु के बाद, बीबीएमपी इंजीनियर-इन-चीफ बीएस प्रह्लाद ने तीन पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें मुख्य रूप से केआर सर्कल अंडरपास के आसपास बूम बैरियर बनाने की सिफारिश की गई थी, बूम बैरियर बाढ़ की स्थिति में गाड़ियों को अंडरपास में जाने से रोकते हैं.
क्या है समाधान?
वाहन चालक के मीडिया को दिए उनके बयान के अनुसार, वो केआर सर्कल अंडरपास में कार लेकर घुस गया, क्योंकि उस समय दूसरी गाड़ियां भी वहां से गुजर रही थीं. हालांकि, जैसे ही उसने वाहन को अंडरपास में डाला, कार में "दो मिनट के भीतर" पानी भर गया.
इस तरह के हादसे और बाढ़ को रोकने के लिए, रिपोर्ट के अनुसार, बीबीएमपी ने केआर सर्कल अंडरपास में जल भराव को रोकने के लिए एक नाली बनाने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही अंडरपास के आसपास एक नई जल निकासी प्रणाली (Drainage System) बनाने की भी सिफारिश की है. हालांकि, ये समाधान बेंगलुरु में सभी अंडरपासों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, जहां पहले से ही नालियां हैं, जो बारिश के दौरान जमा होने वाले पानी को निकालने के लिए हैं. साथ ही कई अंडरपास में तो सीसीटीवी भी हैं.
मोशन सेंसिटिव बैरियर और ड्रेनेज मेंटेनेंस
बीबीएमपी के एक जूनियर इंजीनियर ने द क्विंट को बताया, "बारिश के दौरान बीबीएमपी सड़कों और अंडरपास की सबसे बड़ी समस्या मौजूदा नालों का बंद होना है. ड्रेन को चौड़ा कर और अंडरपास के सही रख-रखाव से ही इस समस्या को हल किया जा सकता है." इंजीनियर के अनुसार, जिन्होंने 2022 की बारिश से पहले कम से कम 6 अंडरपासों का निरीक्षण किया था, इन अंडरपास में मौजूद नालियों में पौधो के मलबे और कचरे जमा हो जाते हैं, जो पानी को जाने से रोकते हैं, जिसे रोकने के लिए नालियों पर ग्रिल नहीं हैं.
इंजीनियर ने कहा, "केआर सर्कल में, दुर्घटना इसलिए हुई, क्योंकि मौजूदा नाला, जो 0.6 मीटर बढ़ा नाला है, वो बंद हो गया था. अगर बारिश से पहले नाले का सही से रखरखाव किया जाता और जमा हुआ कचरा निकास कर नाले को साफ किया जाता तो ऐसा नहीं होता.

इस मामले से जुड़े एक इंजीनियर ने कहा कि शहर में एल आकार के अंडरपास में ड्रेनेज स्ट्रक्चरल डिजाइन पर निर्भर है. "अंडरपास पर, बाढ़ को रोकने के लिए एक तरफ ढलान के माध्यम से पानी की निकासी की जाती है. लेकिन अगर आगे की सड़क ऊंची है तो ये अंडरपास भी खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए, सभी अंडरपासों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर नालियां उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है.
इंजीनियरों ने कहा यू-आकार के अंडरपास पर, जैसे केआर सर्कल में, कई नालियों से पानी की निकासी होनी चाहिए, बेंगलुरु के कुछ अंडरपास में चौड़े नाले भी नहीं हैं.
खतरनाक अंडरपास को बंद करना होगा
इंजीनियर का कहना कि "नाली का आकार अंडरपास की चौड़ाई के अनुपात में होना चाहिए," उन्होंने कहा, बेंगलुरु में आधा दर्जन से अधिक अंडरपासों में आनुपातिक रूप से चौड़ी नालियां नहीं हैं. बीबीएमपी ने इन सुविधाओं में सुधार का सुझाव देने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए रेलवे अंडरपास सहित सभी अंडरपासों का निरीक्षण शुरू कर दिया है. बता दें, शहर में 18 रेलवे अंडरपास हैं. प्रह्लाद के मुताबिक कुछ अंडरपास, जो संभावित रूप से खतरनाक हैं, उन्हें बंद करना होगा.
स्थाई यातायात समस्या
जरूरी नहीं है कि अंडरपास को बंद करने से समस्या का समाधान हो ही जाए, क्योंकि अंडरपास बेंगलुरु की ट्रैफिक बाधाओं को कम करते हैं. ज्यादा ट्रैफिक के दौरान अंडरपास ही बिना किसी बाधा के वाहनों की आवाजाही का रास्ता बनते हैं.
एक इंजीनियर ने कहा,
"अगर अंडरपास बंद कर दिए जाते हैं, तो शहर के कुछ जंक्शन पर भीड़ भाड़ बढ़ जाएगी. कोडिगहल्ली, ओकलीपुरम और कावेरी जंक्शन के अंडरपास को बंद करने की नहीं, बल्कि रख-रखाव की जरूरत है. जैसा कि बेंगलुरु में कभी-कभी, लोग जल-भराव वाली सड़कों और खुले मैनहोल में फंसे होने के कारण बह जाते हैं, फिर भी अंडरपास को बंद करना अंतिम उपाय नहीं होना चाहिए, बल्कि हर एक अंडरपास में एक गति संवेदनशील चेतावनी प्रणाली होनी चाहिए जो अंडरपास के अंदर जल स्तर के आधार पर खुलती और बंद होती हो, टोल गेट्स की तरह, इन चेतावनी प्रणालियों और बैरिकेड्स को अनदेखा करना और पार करना असंभव होना चाहिए,
ऐसे मे सवाल उठता है कि इस बीच, जैसा कि अंडरपास का बीबीएमपी निरीक्षण बुधवार को समाप्त हो रहा है, क्या शहर को सुरक्षित यातायात मार्ग मिलेंगे?
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