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भैय्यूजी महाराज सुसाइड केस: सेक्रेटरी बना रही थी शादी के लिए दबाव

भैय्यूजी महाराज को दी जाती थी जानबूझ कर हाई डोज दवा.

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2017 में खुद को गोली मार कर आत्महत्या करने वाले भैय्यूजी महाराज पर मध्यप्रदेश पुलिस ने रविवार 20 जनवरी को कई खुलासे किए. पुलिस ने बताया कि भैय्यूजी को उनकी सेक्रेटरी शादी के लिए ब्लैकमेल किया करती थी.

पुलिस ने अभी तक 3 लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाने और चोरी छुपे हाइडोज दवा देने के लिए गिरफ्तार किया है.

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शुक्रवार, 18 जनवरी को भैय्यूजी महाराज की पर्सनल सेक्रेटरी पलक पुराणिक(25) और दो दूसरे शिष्यों, विनायक दुधाड़े (42) और शरद देशमुख (34) को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए गिरफ्तार किया है.

मॉडलिंग की दुनिया से आध्यात्म के रास्ते पर आए भैय्यूजी महाराज का असली नाम उदय सिंह देशमुख था. भैय्यूजी ने 12 जून 2018 को इंदौर में अपने घर में खुद को गोली मारी थी.

डीआईजी पुलिस एचसी मिश्रा ने शनिवार को बताया, पुराणिक, महाराज को ब्लैकमेल करती थी और शादी के लिए दबाव बनाती थी.

‘‘वो(पुराणिक) और महाराज जी के शिष्य भैय्यूजी को हाई डोज दवाई देते थे, जिससे उनकी मानसिक हालत पर बुरा असर पड़ा.’’
एचसी मिश्रा, डीआईजी पुलिस

उन्होंने बताया कि वो दवाएं उनको इसलिए भी दी जाई जाती थीं, ताकि उनको कंट्रोल में रखा जा सके. एचसी मिश्रा ने ये भी बताया कि हमारे पास इस महिला और भैय्यू जी महाराज के सोशल मीडिया चैट के रिकॉर्ड है.

एचसी मिश्रा के मुताबिक पुराणिक ने भैय्यूजी ये कह कर ब्लैकमेल किया करती थी कि अगर वे 16 जून तक शादी नहीं करते, तो वो पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएगी और इसको बदनाम करेगी.

कौन थे भैय्यूजी महाराज?

भैय्यू जी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लोगों के बीच जाने-जाते थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी 2011 दिसंबर में, जब उन्होंने अन्ना और सरकार के बीच बातचीत की भूमिका निभाई और अन्ना का अनशन खत्म कराया. तब महाराष्ट्र के नेता और केंद्रीय मंत्री रहे विलासराव देशमुख के कहने पर भैय्यू जी मध्यस्थ बने थे.

बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच उनका उठना-बैठना रहा. उन्हें सरसंघचालक मोहन भागवत का करीबी माना जाता था. इसके अलावा शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे भी उनको तरजीह देते थे.

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