CII (उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ) ने अंदाजा लगाया है कि कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को 1,200 अरब रुपये रेवेन्यू के रूप में मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के मुताबिक 15 जनवरी से 4 मार्च तक आयोजित होने वाला कुंभ मेला हालांकि धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, मगर इसके आयोजन से जुड़े कार्यों में 6 लाख से ज्यादा कामगारों के लिए कुंभ से रोजगार पैदा हो रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 दिन तक चलने वाले कुंभ मेले के आयोजन के लिए 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि साल 2013 में आयोजित महाकुंभ के बजट का तीन गुना है.
सीआईआई के मुताबिक कुंभ मेला के हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में करीब ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा एयरलाइंस और हवाई अड्डों के आसपास से करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी. वहीं, करीब 45,000 टूर ऑपरेटरों को भी रोजगार मिलेगा. साथ ही इको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म क्षेत्रों में भी लगभग 85,000 रोजगार के अवसर बनेंगे.
इसके अलावा टूर गाइड, टैक्सी चालक, ट्रांसलेटर, स्वयंसेवकों के तौर पर रोजगार के 55 हजार नए अवसर भी सृजित होंगे. इससे सरकारी एजेंसियों तथा इंडिविजुअल ट्रेडर्स की आय बढ़ेगी.
सीआईआई के अनुमान के मुताबिक कुंभ मेले से उत्तर प्रदेश को करीब 12 सौ अरब रुपये का राजस्व तो मिलेगा ही. इसके अलावा पड़ोस के राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश को भी इसका फायदा होगा.
ऐसा इसलिए है क्योंकि कुंभ में शामिल होने वाले पर्यटक इन राज्यों के पर्यटन स्थलों पर भी जा सकते हैं. कुंभ मेले में करीब 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है. दुनिया का यह सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन पूरी दुनिया में अपनी आध्यात्मिकता और विलक्षणता के लिए प्रसिद्ध है.
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