महाराष्ट्र के भंडारा में जिला अस्पताल के भीतर आगजनी से 10 नवजातों की शनिवार को मौत हो गई थी. अब यह बात सामने आ रही है कि भंडारा जिला अस्पताल में अभी तक फायर ऑडिट नहीं करवाया गया है. जबकि दिसंबर 2020 में महाराष्ट्र नेशनल हेल्थ मिशन के डॉयरेक्टर एन रामास्वामी ने सभी जिलों में यह ऑडिट करवाने के आदेश दिए थे.
इसका खुलासा इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, भंडारा जिला अस्पताल में 1.52 करोड़ रुपये का फायर सेफ्टी सिस्टम का प्रस्ताव सात महीनों से राज्य सरकार के पास लंबित पड़ा है.
मई 2020 में भंडारा जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को अस्पताल में फायर सिस्टम लगवाने का प्रस्ताव भेजा था, इसमें फायर एक्सटिंग्विशर, स्प्रिंकलर्स, होसरील और फॉयर अलार्म शामिल था. इस प्रस्ताव को नागपुर में स्वास्थ्य के उपनिदेशक ने अनुमति दे दी थी, जिसके बाद इसे डॉयरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विस की निदेशक डॉ साधना तयाडे को भेज दिया गया था.
रिपोर्ट में आगे यह भी बताया गया है कि जहां हादसा हुआ, उस सिक नियोनेटल केयर यूनिट को 2015 में बनाया गया था और वहां अभी तक सिर्फ एक ही बार 2016-17 में मॉक फॉयर ड्रिल का आयोजन हुआ था.
बता दें शनिवार को रात दो बजे भंडारा जिला अस्पताल के न्यूबॉर्न यूनिट में आग लग गई थी. इसमें 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई. वहीं सात बच्चों को बचा लिया गया था.
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