ADVERTISEMENTREMOVE AD

SC-ST एक्ट पर फैसले के खिलाफ ‘महाप्रदर्शन’, अबतक की 10 बड़ी बातें

दलित संगठनों के भारत बंद का कहां कितना असर हुआ, सरकार ने क्या जवाब दिया है?

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

SC/ST एक्ट को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सोमवार को देशभर के दलित संगठनों ने 'भारत बंद' बुलाया. इसका असर देश के कई राज्यों में देखने को मिला. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को जारी एक आदेश में इस एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए तत्काल गिरफ्तारी और आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत के बाद ही हो सकती है. इसके अलावा जो लोग सरकारी कर्मचारी नहीं है, उनकी गिरफ्तारी जांच के बाद एसएसपी की इजाजत से हो सकेगी.

कोर्ट के इस आदेश और नई गाइडलाइंस का दलित संगठन विरोध कर रहे हैं.ऐसे में जानते हैं 'भारत बंद' की 10 बड़ी बातें

  • 'भारत बंद' का असर पंजाब, राजस्थान, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार दिल्ली और ओडिशा जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भिड़ंत भी हुई. हिंसा और आगजनी के कारण राज्यों में सामान्य हालात बिगड़ते दिखाई दिए.
  • इस दौरान फैली हिंसा में अबतक 9 की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा 6 मौतें मध्य प्रदेश में हुई हैं, यूपी में 2 और राजस्थान में 1 की जान गई है. इन राज्यों में कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान ने पैरामिलिट्री फोर्सेज की मांग की. सरकार ने 800 रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को इन राज्यों में भेजा है. कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है.
दलित संगठनों के भारत बंद का कहां कितना असर हुआ, सरकार ने क्या जवाब दिया है?
यूपी के मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने बाइक को आग के हवाले कर दिया
(फोटो: PTI)
  • मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो मैसेज जारी कर शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने अपने वीडियो में कहा है कि कुछ लोगों ने समरसता तोड़ने की कोशिश की है. आज कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटी हैं. अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। मेरी आपसे अपील है शांति, सद्भाव बनाये रखें. अफवाहों पर ध्यान न दें.
  • पंजाब और हरियाणा में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखे गए. राज्य में दुकानें, स्कूल बंद रहे. पंजाब में 10वीं और 12वीं कक्षाओं को स्थगित कर दिया गया. राज्य की करीब 2.8 करोड़ की आबादी में सबसे ज्यादा 32 फीसदी दलित हैं. जालंधर, अमृतसर और भठिंडा में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, डंडों, बेसबॉल के बल्लों और झंडों के साथ दुकानों और दूसरे प्रतिष्ठानों को जबरन बंद कराया.
  • बिहार में प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क यातायात को रोका. भीड़ ने बाजारों, दुकानों के साथ-साथ स्कूलों को बंद कराया. प्रदर्शनकारियों ने तीन दर्जन लंबी दूसरी वाली और स्थानीय रेलों को रोक दिया, जिससे हजारों यात्री परेशान रहे. पूर्वी मध्य रेलवे के अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के कारण रेल सेवा बहुत बुरी तरह से बाधित हुई.
दलित संगठनों के भारत बंद का कहां कितना असर हुआ, सरकार ने क्या जवाब दिया है?
पटना में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक कर प्रदर्शन किया
(फोटो: PTI)
  • उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं. हापुड़, आगरा, मेरठ और सहारनपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबरें हैं. कई गाड़ियों और सरकारी संपत्तियों को भी निशाना बनाया गया. मेरठ में पुलिस पर कुछ लोगों ने कथित तौर पर गोलियां चलाईं जबकि एक यात्री बस को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान मीडियाकर्मी भी प्रदर्शनकारियों के निशाने पर रहे.
  • आगरा में 1 से 12वीं तक के सभी स्कूल मंगलवार को भी बंद हैं. प्रदर्शन के बढ़ते असर को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
दलित संगठनों के भारत बंद का कहां कितना असर हुआ, सरकार ने क्या जवाब दिया है?
गाजियाबाद में प्रदर्शनकारियों ने की आगजनी
(फोटो: PTI)
  • यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से जो अधिकार पिछड़े और दलित वर्ग को मिले हैं, बीजेपी उन्हें छीनना चाहती है. मायावती ने कहा कि बीएसपी का आंदोलन को समर्थन है. हालांकि प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को उन्होंने नाजायज ठहराया है. मायावती के साथ ही पूरा विपक्ष, इस मामले में केंद्र सरकार पर बरस रहा है.
  • गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कल्याण को सुनिश्चित करने और उन्हें कानून की पूरी सुरक्षा की गारंटी देने के लिए हमेशा से प्रतिबद्ध रही है. राजनाथ सिंह ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा नहीं फैलाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से याचिका दाखिल की गई है, शांति बनाए रखे.
  • केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार पूरे सम्मान के साथ सुप्रीम कोर्ट के दिए गए तर्क से सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार के वरिष्ठ वकील इस मामले में अपनी सभी कानूनी तैयारी और अधिकार के साथ दलील देंगे और इस फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता की बात कहेंगे.

ये भी देखें:

SC-ST एक्ट VIDEO | दलितों के गुस्से के कारण और 2019 चुनावों पर असर

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×