दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को कुछ शर्तों के साथ तीस हजारी कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने चंद्रशेखर को 16 फरवरी तक दिल्ली में कोई प्रदर्शन नहीं करने का निर्देश दिया है.
जज कामिनी लाउ ने चंद्रशेखर को एक महीने सहारनपुर में रहने का आदेश दिया है. चंद्रशेखर के वकील ने जज से जामा मस्जिद जाने की इजाजत मांगी, तो जज ने कहा 'हमें कोई ऑब्जेक्शन नहीं है.'
इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले को लेकर फटकार भी लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि लोग कहीं भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है. साथ ही कोर्ट ने ये भी किया कहा था कि वो बताए कि किस कानून में ऐसा लिखा है कि किसी भी धार्मिक स्थल के सामने विरोध करना मना है.
कोर्ट ने बताया था उभरता हुआ नेता
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आजाद को एक उभरता हुआ नेता बताया था. तीस हजारी कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए कहा था-
“भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद एक उभरते हुए राजनेता हैं. विरोध करने में क्या गलत है. मैंने कई लोगों को देखा है, और कई मामलों में विरोध प्रदर्शन संसद के बाहर भी हुए हैं.”
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के दरियागंज में हुए प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद चंद्रशेखर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. इस मामले में चंद्रशेखर ने तीस हजारी कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी.
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दरिया गंज में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार 14 लोगों को पहले ही जमानत मिल चुकी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)